दिल्लीनागपुरब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य रेप मामले में दिशा कानून से थोड़ा अलग होगा महाराष्ट्र का प्रस्तावित कानून: गृहमंत्री देशमुख 10th December 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नागपुर: महिला प्रताड़ना व दुष्कर्म के प्रकरणों में दोषियों को त्वरित सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित शक्ति कानून आंध्रप्रदेश के दिशा कानून से थोड़ा अलग होगा। दिशा कानून के तहत 22 दिन में दाेषियों को सजा दिलाने की कार्रवाई होती है। प्रस्तावित शक्ति कानून में 45 दिन में कार्रवाई का प्रावधान किया जा रहा है।गृहमंत्री अनिल देशमुख ने प्रस्तावित शक्ति कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिला प्रताड़ना के मामले में निराधार शिकायत देनेवालों को 1 साल की सजा दिलाने की पेशकश की गई है। महिलाओं के बारे में अशोभनीय बातें सोशल मीडिया पर वायरल करने व अन्य साइबर अपराध के मामले में भी ठोस प्रतिबंधात्मक उपाययोजनाएं की जा रही है। गुरुवार को गृहमंत्री पत्रकार क्लब में पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। बुधवार को ही शक्ति कानून के बारे में प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। गृहमंत्री देशमुख ने बताया कि यह प्रस्ताव चर्चा के लिए विधानमंडल में लाया जाएगा। बाद में प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। प्रस्ताव पर सर्वदलीय सहमति मिलने का विश्वास उन्होंने जताया। गृहमंत्री के अनुसार शक्ति कानून के लिए आईपीसी, सीआरपीसी व पास्को अधिनियम में कुछ संशोधन किए जा रहे है। दुष्कर्म के दाेषियों को उम्रकैद की सजा होगी। आरोपों की जांच 15 दिन में होगी। 30 दिन सुनवाई होगी। पहले इन प्रकरणों में 60 दिन में सुनवाई पूरी होती थी अब 45 दिन में सुनवाई पूरी हो जाएगी। इन मामलों की सुनवाई के लिए जिला स्तर पर 36 स्पेशल कोर्ट गठित किए जाएंगे। इनमें बाल अत्याचार से जुड़े प्रकरणों की भी सुनवाई होगी। विशेष सरकारी वकील नियुक्त रहेंगे। स्पेशल कोर्ट के लिए 45 करोड की निधि मंजूर कर ली गई है। एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि राज्य में 12,500 पुलिस जवानों की नियुक्ति होगी। पहले चरण में 5258 जवानों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु हो गई है। पत्रकार वार्ता में राकांपा के शहर अध्यक्ष अनिल अहिरकर, पूर्व मंत्री रमेश बंग, राकांपा ग्रामीण के अध्यक्ष बाबा गुजर, विप सदस्य प्रकाश गजभिये व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। भीमा-कोरेगांव केस में आरोपी नवलखा को जेल में चश्मा दिए जाने से किया ‘मना’, महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेशमहाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ऐल्गार परिषद-माओवादियों से संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार गौतम नवलखा को तालोजा जेल में कथित रूप से चश्मा नहीं दिए जाने के मामले की जांच का आदेश दिया है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने इस बात की जानकारी ट्विटर के जरिए दी है।गृहमंत्री देशमुख ने गुरुवार को ट्वीट किया- ‘भीमा-कोरेगांव मामले में आरोपी गौतम नवलखा को जेल प्रशासन ने चश्मा नहीं दिया क्योंकि उन्होंने उनके परिवार से आया पार्सल भी लौटा दिया। उन्होंने लिखा- ‘मैंने इस मामले की जांच का आदेश दिया है। मुझे लगता है कि इसमें संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी, भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोहराव से बचना होगा’।देशमुख ने बताया कि राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार के 80 वें जन्मदिन पर 12 दिसंबर को विविध सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। आनलाइन महारोजगार सम्मेलन होगा। राज्यभर में वच्युअल रैली होगी। प्रमुख राकांपा नेता व मंत्री अलग अलग क्षेत्र से रैली को संबोधित करेंगे। 36 जिले की 350 तहसीलों में यह आयोजन होगा। रक्तदान शिविरों का आयोजन होगा। गौतम नवलखा के परिवार ने लगाया था ये आरोपबता दें कि गौतम नवलखा के परिवार के सदस्यों ने सोमवार को दावा किया कि 27 नवंबर को तालोजा जेल में उनका चश्मा चोरी हो गया है। उन्होंने दावा किया है कि चश्मा के बिना नवलखा लगभग ‘दृष्टिहीन हैं’। इसके बावजूद जब उन्होंने (परिवार ने) इस महीने की शुरुआत में डाक से नया चश्मा भेजा तो जेल प्रशासन ने उसे अस्वीकार कर दिया और वापस भेज दिया। Post Views: 171