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नीतीश सरकार का बड़ा फैसला- बिहार में अब ठेकेदारों को देना होगा चरित्र प्रमाण पत्र

पटना: बिहार में जितने भी सरकार के क़न्ट्रेक्ट हैं उसमें कॉन्ट्रेक्टरों को निश्चित रुप से अब चरित्र प्रमाण पत्र लेना पड़ेगा. इसके अलावा वैसे कॉन्ट्रेक्ट जिसमें पब्लिक हैंडलिंग होती है जैसे बस स्टॉप, सब्जी मंडी जिसमें पब्लिक को हैंडल करना पड़ता है वैसे सभी टेंडर में ठेकेदारी लेने वाले लोगों को और काम करने वाले सभी लोगों के लिए अब चरित्र प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा.साथ हीं वहां काम करने वाले हर कर्मचारी को अब आई कार्ड भी अनिवार्य रुप से देना होगा.
दो दिन पहले हीं बिहार के डीजीपी एस के सिंघल ने रुपेश की हत्या के तार पार्किंग ठेकेदारी विवाद से जुड़े होने की आशंका जताई थी. अब ये माना जा रहा है कि इन्ही घटनाओं को ध्यान में ऱखकर सरकार ने यह फैसला लिया है.वैसे मुख्य सचिव की माने तो यह परंपरा पहले से हीं रही है अब इसका सख्ती से पालन करवाया जाएगा.
पटना में राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार, गृह विभाग के सचिव आमिर सुबहानी और पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल की मीटिंग में यह बड़ा निर्णय लिया गया है कि अगर किसी भी ठेकेदार को पब्लिक हैंडलिंग का टेंडर लेना है तो उसे पहले अपने जिले के पुलिस अधीक्षक या वरीय पुलिस अधीक्षक के पास चरित्र प्रमाण पत्र जमा करना होगा. कैरेक्टर सर्टिफिकेट के वेरिफिकेशन के बाद ही किसी भी ठेकेदार को टेंडर अलॉट किया जायेगा.
सरकार के इस बड़े फैसले के मुताबिक पब्लिक से जुड़े ठेके में जितने भी कर्मचारी काम मे लगाए जाएंगे, ठेकेदार को उनका भी चरित्र प्रमाण-पत्र भी सरकार को देना होगा. हम आपको बता दें कि मंगलवार को बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने रुपेश सिंह हत्याकांड में इस बात की आशंका जताई थी कि एयरपोर्ट पर पार्किंग के टेंडर को लेकर हुए विवाद में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया होगा. हालांकि इस मर्डर केस में पुलिस अन्य ठेके के मामलों की भी पड़ताल कर रही है. करीब 40 मिनट चली बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से ठेके को लेकर होने वाले विवाद पर चर्चा हुई. सरकार ने फैसला किया है कि अब सभी तरह के ठेकेदार को सरकारी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए आरक्षी अधीक्षक कार्यालय से जारी ‘चरित्र प्रमाण-पत्र’ देना आवश्यक होगा.