उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य UP: ट्रेन के पैंट्रीकार में मिले 1 करोड़ 40 लाख, आखिर किसके? GRP ने ऑनड्यूटी रेलकर्मियों की मांगी लिस्ट 19th February 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this कानपुुर: स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस की पैंट्रीकार से बैग में 1.40 करोड़ रुपए मिलने के बाद हवाला कारोबार की भी आशंका जताई गई है। इससे जुड़े लोगों की धरपकड़ के लिए रेलवे पुलिस सक्रिय हो गई है। रेलवे पुलिस के अफसर जिला पुलिस के अफसरों से संपर्क करके हवाला कारोबारियों के बारे में जानकारी ले रहे हैं।सूचना तो यह भी है कि हवाला कारोबारियों की धरपकड़ के लिए एक टीम ने दो लोगों के यहां छापेमारी भी की। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के बाद दोनों लोगों को छोड़ दिया गया। हालांकि जीआरपी ने इससे इनकार किया है। वहीं, रेलवे के कॉमर्शियल और आरपीएफ कंट्रोल में सूचना रिसीव करने वाले स्टाफ, बैग उतारने वाले पैंट्रीकार स्टाफ और ट्रेन के चल टिकट निरीक्षक स्टाफ को बयान देने के लिए ब्योरा मांगा है। प्रारंभिक जांच में सामने आए 19 लोगों को बयान के लिए नोटिस भेजा गया है। इसके अलावा नई दिल्ली, अलीगढ़ स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज के लिए संबंधित अफसरों को पत्र भेजा है। फुटेज के लिए दोनों जगह टीमें रवाना की जाएंगी। जीआरपी प्रभारी राममोहन राय ने इसकी पुष्टि की। यह है पूरा मामला?मंगलवार तड़के 3 बजे स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में रखे बैग को सेंट्रल पर उतरवाने की सूचना रेलवे के कॉमर्शियल कंट्रोल रूम में किसी ने इंटरकॉम से दी। इसके बाद आरपीएफ कंट्रोल में किसी ने रेलवे फोन से सूचना दी। कहा, मैं एडीजी आरपीएफ बोल रहा हूं, बैग को बाहर भिजवा दो। इस बीच, डिप्टी सीटीएम को बैग के बारे में जानकारी दी गई। डिप्टी सीटीएम हिमांशु शेखऱ उपाध्याय, आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त एके राय और जीआरपी प्रभारी की मौजूदगी में बैग का ताला तोड़ा गया तो पता चला कि इसमें 1.40 करोड़ रुपए हैं। रेलवे पुलिस ने उसी दिन आयकर विभाग को भी सूचना दे दी थी। अब तक बैग और नोटों का कोई दावेदार सामने नहीं आया है। स्टेशन पर ही रखे रुपए16 फरवरी (मंगलवार) सुबह 3:15 बजे उतारे गए लावारिस बैग में मिले 1.40 करोड़ रुपए अब भी स्टेशन पर ही रखे हुए हैं। गुरुवार को आयकर अधिकारी अमित तिवारी निरीक्षक संग शाम लगभग 16:45 बजे सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। प्रभारी के कक्ष में अमित तिवारी ने नोटों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। कमरे से ही फोन पर किसी से बात की। लगभग आधे घंटे की मंत्रणा के बाद आयकर अधिकारी यह कहकर चले गए कि शीर्ष अफसरों से बात करने के बाद रुपए कब्जे में लेंगे। रेलवे के फोन पर सूचना से संदेहजीआरपी के डिप्टी एसपी कमरुल हसन का कहना है कि यह बात समझ में नहीं आ रही है कि आखिरकार सूचना देने और बाद में बैग को स्टेशन के बाहर सुपुर्द करने की सूचनाओं में रेलवे के इंटरकॉम का इस्तेमाल कैसे हुआ है। दो-चार दिन में कुछ न कुछ सच्चाई जांच में सामने आएगी। नोट भरे बैग के खेल में शातिर खिलाड़ीस्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के पैंट्रीकार से उतारे गए नोटों भरे बैग को रखने से लेकर उसको सुपुर्दगी में देने में जो हथकंडा अपनाया गया है, वह किसी शातिर दिमाग या फिर विशेष साजिशकर्ता का है। इसी वजह से उसने रेलवे फोन का इस्तेमाल किया। इसकी कॉल डिटेल रिपोर्ट (CDR) नहीं निकलती है। बैग उतर गया तो आरपीएफ कंट्रोल फोन किया और बैग देने की बात बताई। इसके अलावा दिल्ली स्टेशन पर रेलवे अधिकारी के नाम पर बैग रखा गया तो पैंट्रीकार संचालकों ने मना नहीं किया। रेलवे अफसर के नाम ही कॉमर्शियल कंट्रोल के कर्मचारी ने बैग को उतरवा भी लिया। पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि ये चीजें किसी शातिर या फिर विभागीय कर्मचारी की ओर इशारा करती हैं। इन सवालों का कोई नहीं दे रहा उत्तर… रेलवे फोन से सूचना आने के बाद बैग उतारने के लिए किसी अधिकारी की इजाजत क्यों नहीं ली गई?लावारिस बैग स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से उतारा गया तो बम निरोधक दस्ता क्यों नहीं बुलाया गया?ट्रेन से बैग उतारने के बाद लगभग 5 घंटे बाद खुलवाया गया, 15 घंटे बाद जीआरपी को सुपुर्द किया गया!घटना के तीन दिन बाद भी स्टेशन के आसपास लगे कैमरों के फुटेज क्यों नहीं खंगाले गए?रेलवे फोन से सूचना दी गई तो हो सकता कोई स्टेशन गेट के आसपास रहा हो, फुटेज से पता चल सकता है. Post Views: 181