चुनावी हलचल फेसबुक राजनीतिक विज्ञापनों के लिए भारत में लाया नए ट्रांसपैरेंसी रूल्स 7th February 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली, आगामी लोकसभा चुनावों से ठीक पहले फेसबुक ने गुरुवार को अपने प्लेटफॉर्म पर दिखने वाले पॉलिटिकल ऐड (राजनीतिक विज्ञापनों) के तरीकों में बदलाव की घोषणा की है। बदलावों के मुताबिक, फेसबुक यूजर्स अब राजनीतिक विज्ञापनों को पब्लिश्ड बाय (विज्ञापन किसने पब्लिश किया है) या पेड फॉर बाय (किसने इसका भुगतान किया है) डिस्क्लेमर के साथ देख सकेंगे। इसके अलावा, फेसबुक एक Ad लाइब्रेरी पर भी काम कर रहा है, जिसमें यूजर्स पॉलिटिक्स से जुड़े विज्ञापनों के बारे में ज्यादा कुछ जान सकेंगे। यूजर्स इसमें इंप्रेशंस की रेंज, खर्च और विज्ञापन देखने वाले लोगों के बारे में पता कर सकेंगे।आने वाले हफ्तों में लोग उन व्यक्तियों की कंट्री लोकेशन देख सकेंगे, जो कि पॉलिटिकल ऐड चलाने वाले पेज मैनेज करते हैं। फेसबुक का कहना है कि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि पेज आखिर कहां का है। इस साल मार्च में भारत के पास खुद की Ad लाइब्रेरी रिपोर्ट होगी। इससे लाइब्रेरी में ऐड के इनसाइट्स को देखने में मदद मिलेगी। फेसबुक ने कहा है कि ये फीचर्स 21 फरवरी तक आ जाएंगे। इस पोस्ट को भारत में पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर शिवनाथ ठुकराल और प्रॉडक्ट मैनेजर सारा श्रिफ ने लिखा है।न्यूजफीड में बिना किसी डिस्क्लेमर के चलने वाले राजनीतिक विज्ञापनों को ऐड लाइब्रेरी में रखा जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा सिस्टम चलने वाले हर पॉलिटिकल ऐड को नहीं पकड़ पाएंगा। ऐसे में दूसरों की रिपोर्ट्स काफी अहम होंगी। अगर लोगों को कोई ऐसा विज्ञापन मिलता है, जिसमें उन्हें लगता है कि इसमें डिस्क्लेमर होना चाहिए तो वह ऐड के दाएं हिस्से में दिए गए तीन डॉट पर क्लिक करके उसे सिलेक्ट कर सकते हैं। अगर हमें वह ऐड पॉलिटिक्स से जुड़ा मिलता है तो हम उसे हटा देंगे और इसे लाइब्रेरी में ऐड कर देंगे।’ इसके अलावा, फेसबुक ऐसे विज्ञापन चलाने वाले पेजों के बारे में यूजर्स को और जानकारी देना चाहता है। इस पहल के तहत यूजर्स इन पेजों को मैनेज करने वाले लोगों की प्राइमरी कंट्री लोकेशन देख पाएंगे।पेज चलाने वालों को कन्फर्म करनी होगी कंट्री लोकेशन : आने वाले हफ्तों में भारत में बड़ी ऑडियंस के साथ पेज को मैनेज करने वाले लोगों को अपने अकाउंट को टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन से सिक्यॉर करना होगा। साथ ही, अपने पेजों में पोस्ट जारी रखने के लिए उन्हें अपनी प्राइमरी कंट्री लोकेशन भी कन्फर्म करनी होगी। शिवनाथ ठुकराल ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘चुनावों की अखंडता बनाए रखना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हमारा मानना है कि फेसबुक पर चलने वाले राजनीतिक विज्ञापनों और पेजों में ज्यादा पारदर्शिता लाकर हम विज्ञापन देने वालों की जवाबदेही बढ़ाएंगे। Post Views: 205