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शरद पवार के आवास पर हमले के मामले में वकील हिरासत में, 103 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

मुंबई: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी घमासान के बीच मुंबई पुलिस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार के घर पर शुक्रवार को हुए हमले के सिलसिले में राज्य परिवहन कर्मचारियों के आंदोलन में सबसे आगे रहे वकील गुणरतन सदावर्ते को देर रात हिरासत में लिया है और 103 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार

प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दंगा करने और साजिश रचने समेत अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
दक्षिण मुंबई में शरद पवार के ‘सिल्वर ओक’ बंगले पर हमले की पृष्ठभूमि के सिलसिले में यह गिरफ्तारी हुई है, जिसने राष्ट्रीय राजनीतिक हलकों को स्तब्ध कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?
कल पवार के घर के बाहर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। वहां पर मौजूद सांसद सुप्रिया सुले को भी प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। उन्होंने हाथ जोड़कर प्रदर्शनकारियों को शांत करवाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मानें। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने सुप्रिया सुले के साथ भी दुर्व्यवहार किया। साथ ही शरद पवार के घर पर पत्थरबाजी और जूते-चप्पल फेंके।
दरअसल, MSRTC कर्मचारी पिछले साल नवंबर से हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि उनके साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों जैसा व्यवहार किया जाए। साथ ही नकदी संकट से जूझ रहे परिवहन निगम का सरकार में विलय कर दिया जाए।
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, शरद पवार मौजूदा सरकार के मुखिया हैं, लेकिन उन्होंने कर्मचारियों का घाटा करवाया है। इस वजह से आज सैकड़ों कर्मचारी उनके घर के बाहर प्रदर्शन करने आए हैं।
इसके बाद राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने भी आश्वासन दिया कि जो कर्मचारी काम पर लौट आएंगे, उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा, लेकिन फैसले के बाद हुए प्रदर्शन से लग रहा कि आंदोलन अभी रुकने वाला नहीं है।

गृहमंत्री पाटिल ने कही ये बात…
वहीं महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि उन्होंने मुंबई के पुलिस आयुक्त संजय पांडे और संयुक्त आयुक्त, कानून व्यवस्था विश्वास नांगरे पाटिल से इस मामले को लेकर बात की है। साथ ही जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। पाटिल के मुताबिक, MSRTC कर्मचारियों को गुमराह किया जा रहा है, ये प्रदर्शन किसी और का है।

दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: मुख्यमंत्री
विरोध-प्रदर्शन की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शरद पवार को फोन करके उनका हालचाल पूछा। मुख्यमंत्री ठाकरे ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पवार के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा में हुई चूक को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे से बात की। इस मामले की जांच ज्वाइंट सीपी लॉ एंड ऑर्डर को सौंपी गई। महाराष्ट्र पुलिस के आला-अधिकारी अब इस मामले में सुरक्षा में खामी और इंटेलिजेंस फेलियर की जांच करेंगे।

120 कर्मचारियों ने की आत्महत्या!
मौके पर एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि हड़ताल के दौरान आत्महत्या की वजह से लगभग 120 MSRTC की मौत हुई है। ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है, जो राज्य की नीतियों ने करवाई है। वो सरकार में अपने विलय की मांग पर अडिग हैं। अभी तक शरद पवार ने कुछ नहीं किया है, वो इस मामले को हल करवाएं। इससे एक दिन पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय ने आंदोलनकारी कर्मचारियों को 22 अप्रैल तक ड्यूटी पर शामिल होने का निर्देश दिया था।