सामाजिक खबरें कबूतर और शिकारी (हिंदी कहानी) 14th January 2023 Network Mahanagar 🔊 Listen to this एक बार एक शिकारी, शिकार करने गया. शिकारी को सुबह से शाम हो गयी लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लगा. अचानक शिकारी के जाल में एक कबूतर फस गया. शिकारी उस कबूतर को देखकर बहुत खुश हुआ और शिकारी कबूतर को अपने साथ लेकर जाने लगा. रास्ते में कबूतर ने शिकारी से पूछा- तुम मुझे कहाँ ले जा रहे हो? फिर शिकारी बोला- मैं तुम्हें अपने घर ले जा रहा हूँ, मैं तुम्हें पकाकर खाऊँगा, बड़ा मजा आयेगा. शिकारी की बात सुनकर कबूतर कुछ देर चुप रहा और थोड़ी देर बाद उससे बोला- मेरा जीवन तो अब समाप्त होने वाला है लेकिन उससे पहले मेरी एक आखिरी इच्छा है. शिकारी ने कबूतर से पूछा- बताओ अपनी आखिरी इच्छा, मैं उसे पूरी करूंगा. कबूतर बोला- मेरी माँ ने मरने से पहले मुझे दो काम की बात बताई थी. मरने से पहले मैं तुम्हें वो बातें बताना चाहता हूँ. शायद तुम्हारे कुछ काम आ जाये. पहली बात- किसी की भी बात पे बिना सोचे-समझे विश्वास नहीं करना चाहिए. दूसरी बात- कुछ बुरा होने पर या कुछ छूट जाने पर अफसोस नहीं करना चाहिए. कबूतर की बात सुनकर शिकारी आगे बढ़ने लगा. शिकारी कुछ ही दूर चला था कि कबूतर उससे बोला- मेरे पास एक हीरे की अंगूठी है अगर मैं वो अंगूठी तुम्हें दे दूं तो क्या तुम मुझे आजाद कर दोगे. हीरे का नाम सुनकर शिकारी के मन में लालच आ गया और उसने कहा मैं तुम्हें आजाद कर रहा हूँ. तुम जल्दी से वो हीरा लाकर मुझे दे दो. कबूतर आजाद होते ही दूर एक बड़े से पेड़ पर जाकर बैठ गया और शिकारी से बोला- मेरे पास कोई हीरा नहीं है. मैंने अभी थोड़ी देर पहले ही तुमसे बोला था किसी की बात पे बिना सोचे समझे विश्वास नहीं करना चाहिए. कबूतर की बात सुनकर शिकारी बहुत दुःखी हुआ. उसे दुःखी देखकर कबूतर बोला- मैंने तुम्हें यह भी बताया था कि कुछ बुरा होने या छूट जाने का दुःख नहीं करना चाहिए. १. दोस्तों इस कहानी से यही सीख मिलती है कि हमें परेशानी के समय बिलकुल शांत दिमाग से काम लेना चाहिए जैसा कि कबूतर ने लिया. २. हमें कभी भी कुछ बुरा हो जाने या कुछ छूट जाने पर दुःखी नहीं होना चाहिए बल्कि अपनी उस भूल से सीख लेनी चाहिए ताकि भविष्य में कभी ऐसी गलती दोबारा न हो. Post Views: 1,842