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Cafe Mysore के मालिक के घर दिनदहाड़े 25 लाख की लूट!

जाँच में जुटी पुलिस…

मुंबई: शहर के माटुंगा पुलिस ठाणे अंतर्गत मशहूर ‘कैफे मैसूर’ रेस्तरां व्यवसायी नरेश नागेश नायक की बिल्डिंग में दिनदहाड़े छह लोग खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर घर में घुस गए और 25 लाख रुपये नकद लेकर गायब हो गए। पीड़ित नरेश नागेश नायक (44) जो माटुंगा (पूर्व) में एफ उत्तर विभाग के बीएमसी कार्यालय के समीप कैफे मैसूर रेस्तरां चलाते हैं, जिसे मुंबई का सबसे पुराना उडिपी रेस्तरां होने का गौरव प्राप्त है।
दिनदहाड़े डराकर हुई इस लूट से वे बिलकुल डर गए हैं। पीड़ित नरेश ने बताया कि वे सोमवार शाम सायन अस्पताल के सामने अलंकार बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर अपने किराये के अपार्टमेंट में अकेले थे, तभी करीब साढ़े चार बजे किसी ने दरवाजे की घंटी बजाई और जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, तभी सादी वर्दी में छह लोग फ्लैट के अंदर घुस आए और अपना आईडी कार्ड दिखाया और उन्हें धमकी दी। उन्होंने दावा किया कि वे मुंबई क्राइम ब्रांच से हैं और उन्हें जानकारी मिली थी कि फ्लैट में लोकसभा चुनाव के लिए इस्तेमाल होने वाला 17 करोड़ रुपये का काला धन जमा किया गया था। जब नरेश ने इस बात से इनकार किया कि उनके पास इतनी बड़ी मात्रा में नकदी नहीं है, तो उन्होंने उन्हें नग्न करने और बिल्डिंग के नीचे खड़ी पुलिस जीप में उनके रेस्तरां में ले जाने और वहां छापा मारने की धमकी दी।
नरेश ने बताया कि उनके पास केवल 25 लाख रुपये नकद हैं जो उनके रेस्तरां की कमाई है। उन्होंने कहा कि वह अपने रेस्तरां से रोजाना लगभग 1 से 2 लाख रुपये कमाते हैं, जिसे वह रोजाना अपने फ्लैट पर लाते थे और सप्ताह के अंत में उस राशि को बैंक में जमा कर देते थे। उन्होंने कहा कि रेस्तरां की मालिक उनकी मां शांटेरी (75) थीं, जो इस समय अपनी बहन के साथ बेंगलुरु में हैं। इसके बाद डकैतों ने घर की सभी अलमारियां खोलीं और 25 लाख रुपये निकाल लिये। इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर नरेश उन्हें दो करोड़ रुपये दे तो वे मामला बंद करने को तैयार हैं। जब उन्होंने गुहार लगाई कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं, तो सभी इस बारे में किसी को न बताने की धमकी देकर फ्लैट से बाहर आ गए। जाते समय उन्होंने नरेश का मोबाइल फोन लौटा दिया जो उनसे पहले छीन लिया गया था।
इसके बाद नरेश ने सायन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद जोन-४ के पुलिस उपायुक्त प्रशांत कदम तुरंत हरकत में आये और उन्होंने पुलिस की कई टीमें गठित कीं, सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया और जल्द ही उस पुलिस जीप का पता लगा लिया जिसका इस्तेमाल इस अपराध को अंजाम देने के लिए किया गया था।


पुलिस ने एक सेवारत पुलिसकर्मी, एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी, एक मुखबिर और दो अन्य सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि सेवारत पुलिसकर्मियों की भूमिका और अपराध को अंजाम देने में पुलिस जीप का इस्तेमाल किया गया। डीसीपी ने बताया कि जांच अभी भी जारी है। माना जा रहा है कि मास्टरमाइंड कोई जायसवाल है। इस संबंध में पूछताछ के लिए होटल कर्मचारी को भी बुलाए जाने की संभावना है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर डकैतों को नरेश के फ्लैट में नकदी पड़ी होने की सूचना किसने दी?