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महाराष्ट्र: CM ठाकरे की जनता से अपील- धार्मिक स्थानों में न लगाएं भीड़

अजीत पवार बोले- स्थिति की समीक्षा के बाद लॉकडाउन के बारे में निर्णय

मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि हमने राज्य में सभी धार्मिक स्थानों को खोल दिया है, लेकिन जनता से मेरी अपील है कि यहाँ भीड़ न लगाएं। महाराष्ट्र में पिछले आठ महीनों से बंद सभी धर्मस्थलों को गत सोमवार से फिर खोला गया था।
मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर, शिरडी समेत प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है। राज्य सरकार ने मंदिर, गिरिजाघर, गुरुद्वारे और मस्जिद में जाने के दौरान श्रद्धालुओं को मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, कोविड-19 के नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा।
बता दें कि महाराष्ट्र के प्रमुख त्योहारों में से एक दिवाली पड़वा पर मंदिरों के खुलने से भक्तों ने बड़े उल्लास से देवी-देवताओं के दर्शन किए। सतारा के पंढरपुर स्थित भगवान विट्ठल के मंदिर, ओस्मानाबाद स्थित देवी तुलजा भवानी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा था। वहीं, सिद्धिविनायक मंदिर के अध्यक्ष आदेश बंदकर बांदेकर ने बताया कि मंदिर के अंदर सिर्फ एक हजार लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। प्रति दिन इसके लिए मोबाइल एप से बुकिंग होगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विगत शनिवार को कहा था कि सभी धर्मस्थल खुलने के साथ ही लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि वे यह कतई न भूलें कि कोरोना वायरस नाम का दानव अभी भी है, इसलिए इन स्थानों पर जाते हुए पूरी सावधानी बरतें और सभी नियमों का पालन करें। वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि धार्मिक स्थलों को खोलने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला किसी की हार या जीत नहीं है। पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि इसका श्रेय लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने रविवार को कहा कि दीवाली के समय भारी भीड़ थी। गणेश चतुर्थी के समय भी हमने भीड़ देखी। हम संबंधित विभागों से बात कर रहे हैं। हम अगले आठ-10 दिनों के लिए स्थिति की समीक्षा करेंगे और फिर लॉकडाउन के बारे में आगे निर्णय लिया जाएगा। उनके मुताबिक, दीवाली के दौरान भारी भीड़ थी मानो भारी भीड़ के कारण कोरोना की ही मौत हो गई हो। अब ऐसी भविष्यवाणियां हैं कि दूसरी लहर आ सकती है। स्कूलों को शुरू करने के लिए सरकार ने बहुत सारे नियम बनाए हैं, जिसमें अलग-अलग तरीके शामिल हैं कि उन्हें किस तरह से स्वच्छता दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 5,640 नए मामले सामने आने के बाद राज्‍य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्‍या बढ़कर 17,68,695 तक पहुंच चुकी है। बीते 24 घंटे में यहां कोरोना पॉजिटिव 155 लोगों की मौत दर्ज की गई और 6,945 मरीजों को स्‍वस्‍थ पाए जाने पर अस्‍पताल से घर भेज दिया गया। राज्‍य में कुल 78,272 मरीज सक्रिय बताए गए हैं, जबकि इस महामारी के कारण अब तक कुल 46,511 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्‍य में कुल 16,42,916 लोग इस महामारी के बाद स्‍वस्‍थ हो चुके हैं। मुंबई में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 1031 नए मरीज सामने आए और 13 लोगों की मौत दर्ज की गई।
553 मरीजों को स्‍वस्‍थ पाये जाने पर अस्‍पताल से घर भेज दिया गया। राजधानी मुंबई में कुल संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 2,73,480 तक पहुंच चुका है और 2,50,456 मरीज स्‍वस्‍थ हो चुके हैं। मुंबई में इस महामारी के कारण कुल 10,637 संक्रमितों की मौत हो चुकी है, जबकि 9,046 मरीज सक्रिय बताए गए हैं। महाराष्ट्र में वीरवार को कोरोना संक्रमण के 5,535 नए मामलों की पुष्टि हुई थी और 154 की मौत दर्ज की गई। 5,860 लोगों को स्‍वस्‍थ पाए जाने पर अस्‍पताल से घर भेजा गया था। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्‍य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्‍या बढ़कर 17,63,055 तक पहुंच गई थी और अब तक 16,35,971 मरीज स्‍वस्‍थ हो चुके थे।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र की पर्यटन राज्यमंत्री अदिती तटकरे ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐतिहासिक स्मारकों को पर्यटकों के लिए खोलने का अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। पर्यटक गाइडों के एक संघ ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अजंता, एलोरा और अन्य स्मारकों को पर्यटकों के लिए खोलने की मांग की थी। संघ ने कहा था कि स्मारकों को बंद रखने के चलते कई लोग भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए हैं।