ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर

KEM अस्पताल की लापरवाही: रद्दी में बिके मरीजों के रिपोर्ट कार्ड;

बनाई गई नाश्ते की प्लेटें! मचा हाहाकार…

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक बेहद चौंकाने वाली घटना घटी है। यहां बृहन्मुंबई महानगरपालिका अस्पताल के मरीजों के रिपोर्ट कार्ड से नाश्ते और अन्य खाद्य सामग्री परोसने की पेपर प्लेटें बनाई जाती हैं? जबकि मरीज़ के रिपोर्ट कार्ड गोपनीय दस्तावेज होते हैं, लेकिन अब ये रिपोर्ट कार्ड सार्वजानिक हो चुके हैं और उनकी पेपर प्लेटें छपकर बाजार में बिकने लगीं हैं।

मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर ने इस मामले को उजागर किया है। पूर्व मेयर पेडणेकर ने कहा है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका प्रशासन मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। इस मामले को लेकर विपक्ष और भी आक्रामक हो गया है। इस कारनामे में शामिल संबंधित अधिकारी को महानगरपालिका से बाहर करने की मांग उठाई गई है।

दरअसल, यहां के महानगरपालिका अस्पताल में विभिन्न प्रकार की बीमारियों के मरीज इलाज करने आते हैं, उनकी रिपोर्ट तैयार की जाती है। इन रिपोर्ट कार्ड में उनकी बीमारी का लेखा-जोखा होता है, जिसे सार्वजानिक नहीं किया जा सकता। मरीज के डिस्चार्ज के बाद ये रिपोर्ट कार्ड उनके सगे-संबंधियों को ही दिया जाना चाहिए और उनकी एक फाइल अस्पताल में रिकार्ड के तौर पर संभाल कर रख दिए जाते हैं। लेकिन यहां महानगरपालिका की उदासीनता के चलते ये बाहर बाजार में आ गए और वो भी प्लेट बनकर। अब किंग एडवर्ड मेमोरियल (KEM) अस्पताल की लापरवाही का वीडियो सामने आया है।

गौरतलब है कि राज्य के मुखिया एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में इस तरह की हैरान कर देने वाली यह घटना सामने आने के बाद पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर और श्रद्धा जाधव केईएम अस्पताल पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन से मामले की जानकारी ली और चेतावनी दी कि इस तरह की घटना मुंबई में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग दफ्तर नहीं आते, जो अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते, उन्हें घर बैठा देना चाहिए।

सुधाकर शिंदे को बाहर करो, की उठी मांग
पूर्व मेयर ने कहा कि जब से अतिरिक्त महानगरपालिका आयुक्त सुधाकर शिंदे आए हैं, तब से मनपा में लापरवाही कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। उनकी उम्र बीत चुकी है और उन्हें लगातार एक्सटेंशन भी दिया जा रहा है। उनके पीछे कौन है? वे किसकी शरण में बैठे हैं? पेडणेकर ने पहले भी उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी।
वहीं, विधायक अजय चौधरी ने आरोप लगाया है कि केईएम की डीन डॉ. संगीता रावत दबाव में हैं। वे बात नहीं सुन रही हैं। हमने सारी जानकारी निकाल ली है। हम जानते हैं कि त्रुटियाँ क्या हैं और किस प्रकार की प्रणाली लागू की जा रही है। यहाँ कर्मचारी सही शब्दों का प्रयोग नहीं करते। नर्सों के आवास शीघ्र बनाने के लिए हमारा प्रयास दो वर्षों से चल रहा है।

वहीं, KEM अस्पताल की डीन डॉ. संगीता रावत ने साफ किया कि ये प्लेटें मरीज की रिपोर्ट से नहीं बनाई गई थीं। उन्होंने कहा है कि ये मरीज की रिपोर्ट नहीं हैं, ये सीटी स्कैन के पुराने फोल्डर हैं। अब इस मामले में मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने जांच के आदेश दिए हैं।

6 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस
मामले पर जब हंगामा मचा तो अस्पताल प्रशासन ने छह कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस पूरे मामले में मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर ने सोशल मीडिया पर उजागर करते हुए अस्पताल प्रशासन और महानगरपालिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा- मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) प्रशासन मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने लिखा- ये क्या हो रहा है? जागो प्रशासन…जिन्होंने यह किया है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।