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…तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी में मौजूदा 20 में से सिर्फ 2 विधायक ही बचेंगे: एकनाथ शिंदे

नेटवर्क महानगर/मुंबई
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने गुरुवार (23 जनवरी) को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे को चेतावनी देते हुए साफ तौर से कहा है कि अगर शिवसेना (UBT) उनकी पार्टी और महायुति की आलोचना करना बंद नहीं करती है, तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी में मौजूदा 20 में से सिर्फ दो विधायक ही बचेंगे।
शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और उनके गुरु आनंद दिघे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए ‘आनंद आश्रम’ की अपनी यात्रा के मौके पर एकनाथ शिंदे ने कहा, राज्य के लोगों ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) को करारा जवाब दिया था और यह उसके लिए आत्मचिंतन करने का समय है।

एकनाथ शिंदे ने ये भी कहा, पहले दिन से ही विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए), विशेष रूप से सेना (यूबीटी), मेरी और महायुति की आलोचना करती रही है, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया और राज्य के लोगों ने उन्हें करारा जवाब दिया और उन्हें उनकी जगह दिखा दी। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वे 20 से शून्य पर आ जाएंगे। उन्होंने कहा, विपक्षी दल, खासकर शिवसेना (यूबीटी) के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता हाल के समय में हमारी शिवसेना में शामिल हो गए हैं और यह सिलसिला जारी रहेगा। अन्य राज्यों के कुछ कार्यकर्ता और नेता भी शिवसेना में शामिल हुए हैं और शिवसेना की मांग बढ़ रही है। आने वाले दिनों में शिवसेना अन्य राज्यों में भी शाखाएं खोलेगी।

बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों से समझौता नहीं: शिंदे
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि बालासाहेब ठाकरे की जयंती पहले की तरह इस साल भी भव्य तरीके से मनाई जा रही है। हम अगले साल उनकी जन्मशती मनाएंगे। शिवसेना ने बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों और आनंद दिघे की शिक्षाओं से कभी समझौता नहीं किया है और न ही करेगी। इसीलिए कार्यकर्ता शिवसेना को पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि हम राज्य के हर घर तक पहुंचेंगे और लोगों को महायुति सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताएंगे।

महायुति गठबंधन को 230 सीटों पर मिली थी जीत!
बता दें कि पिछले साल नवंबर में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में BJP, शिवसेना और एनसीपी ने महायुति गठबंधन के तहत 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी। बीजेपी ने 132 सीटें, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। उधर, एमवीए में शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार की एनसीपी (SP) ने 10 सीटें जीतीं थी।