सामाजिक खबरें जानें- कैसे प्राकृतिक तरीकों को अपनाकर किडनी को रख सकते हैं स्वस्थ… 23rd June 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this पिछले 20 सालों में किडनी रोगों के मामलों में दोगुना वृद्धि हुई है। बिगड़ती जीवनशैली और अस्वस्थ खान-पान इसकी सबसे बड़ी वजह है। शरीर से बेकार और विषैले तत्व बाहर निकालने की जिम्मेदारी किडनी की है और किडनी को साफ रखने की जिम्मेदारी हमारी। अच्छी बात यह है कि हम रोज प्राकृतिक तरीकों को अपनाकर किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं। शरीर से बेकार की चीजों को बाहर निकालने के लिए किडनी यानी गुर्दों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किडनी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखती है और हार्मोन बनने की प्रक्रिया में भी मदद करती है। गुर्दे, शरीर में सीने की हड्डियों के नीचे रीढ़ के दोनों ओर दो छोटे से अंग हैं। आम तौर पर अच्छा आहार लेने और पर्याप्त पानी पीने से आपकी किडनी ठीक रहती है। स्वस्थ गुर्दे खून को साफ करते हैं तथा बेकार चीजों को पेशाब के जरिए शरीर से बाहर कर देते हैं। ऐसा न होना किडनी में समस्याएं खड़ी कर देता है। घर में प्राकृतिक तरीकों से किडनी को सेहतमंद रखने के कई तरीके हैं। इससे गुर्दे मजबूत भी बनते हैं और उनमें विषैले तत्व जमा नहीं होते। कुछ तरीके जो इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। जो इस प्रकार हैं… अजवायनअजवायन के सेवन से शरीर में अतिरिक्त पदार्थों को बाहर करने में सहायता मिलती है और यह किडनी के काम में सहायता करती है। यह किडनी में बेकार चीजें जमा होने से रोकती है। अजवायन की जड़ से पेशाब ज्यादा बनती है, जिससे बेकार चीजें बाहर निकल जाती हैं। इसे किडनी को सक्रिय करने वाले टॉनिक के रूप में जाना जाता है। इसमें पोटैशियम और सोडियम भी प्रचुर होता है। अदरकअदरक का उपयोग दवा के रूप में वर्षों से होता आया है। इसमें मौजूद जिन्जेरॉल्स एक सक्रिय यौगिक और एंटी बैक्टीरियल एजेंट है, जो किडनी में बैक्टीरिया फैलना रोकता है। सूजन कम रखता है। हल्दीहल्दी भी ऐसी ही देसी दवाओं में है। इसमें करक्यूमिन नाम का एक अवयव होता है। यह हर तरह के माइक्रोब का विकास और विस्तार रोकता है तथा किडनी को स्वस्थ रखता है। घर की रसोई में ही अनेक मसाले व जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जिनका सेवन आसानी से किया जा सकता है। मसलन, लहसुन में एलिसिन तत्व होता है, जो शरीर में बैक्टीरिया संक्रमण व सूजन कम रखता है। शरीर में पानी का स्तर बनाए रखें : मस्तिष्क से लेकर लिवर (यकृत) तक को काम करने के लिए कम से कम 60 प्रतिशत पानी की जरूरत होती है। किडनी को पेशाब के साथ दूसरी गंदगी बाहर निकालने के लिए पानी की जरूरत होती है। पेशाब में मोटे तौर पर बेकार की चीजें होती हैं और इसके जरिए शरीर अवांछित और अनावश्यक चीजों से छुटकारा पाता है।. अगर आप कम पानी पीते हैं तो संभव है किडनी ठीक से काम न करे और किडनी में स्टोन यानी पत्थर बन जाए। इसलिए, आपकी दिनचर्या चाहे जितनी व्यस्त हो, यह बहुत जरूरी है कि अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए हर व्यक्ति रोज करीब पौने चार (3.70) लीटर पानी पिए। विभिन्न अध्ययनों में महिलाओं के लिए यह मात्रा 2.7 लीटर यानी लगभग पौने तीन लीटर तय की गई है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में पानी कम पीने के मामले ज्यादा सामने आते हैं। किडनी के संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए सेब का सिरका भी फायदेमंद रहता है। सेब का सिरका प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर से जो चीजें बेकार व अतिरिक्त होती हैं, उन्हें बाहर निकालने में मदद करता है। इस पेय में साइट्रिक और फॉस्फोरस एसिड होता है। ये दोनों तत्व उन पदार्थों को तोड़ते हैं, जो शरीर में पथरी बनाते हैं। खान-पान में इन्हें करें शामिल : शोधकर्ताओं ने पाया है कि रेजवेरेट्रॉल तत्व किडनी की सूजन को कम करता है। यह तत्व अंगूर, मूंगफली और कुछ बेरी में मौजूद रहता है। ऐसा ही एक अध्ययन उन चूहों पर किया गया, जो कि पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज के शिकार थे। इस तत्व का असर उनमें सकारात्मक देखा गया। मुट्ठी भर स्वादिष्ट लाल अंगूर दोपहर में खाना फायदा पहुंचाता है। अध्ययन से यह भी संकेत मिलता है कि नियमित क्रैनबेरीज खाना भी किडनी के लिए फायदेमंद होता है। इन्हें आप सलाद आदि में खा सकते हैं। नींबू, संतरे के जूस और तरबूज के रस आदि में विटामिन सी यानी साइट्रिक एसिड या साइट्रेट होता है। साइट्रेट तत्व किडनी में पथरी की बीमारी को रोकता है। माना जाता है यह तत्व पेशाब में मौजूद कैल्शियम से मिलकर उसे महीन कर देता है, जिससे कैल्शियम एक जगह जमा नहीं होता और किडनी के रोग की आशंका कम होती है। रोज एक कप फलों का ताजा रस पीने से शरीर में पानी का स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है। समुद्री शैवाल पर हुए एक अध्ययन में इसका असर किडनी, लिवर और पै्क्रिरयाज पर अच्छा देखा गया। खासतौर पर डायबिटीज के कारण लिवर और किडनी को होने वाले नुकसान में कमी होती है। अंगूर का रस शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है और किडनी को ठीक रखता है। रात में मुनक्के भिगोकर सवेरे उसका पानी कुछ दिनों तक नियमित पीने से भी किडनी के रोगों में लाभ मिलता है। स्ट्राबेरी, रसभरी, जामुन और करौंदे जैसे फल किडनी से यूरिक एसिड और यूरिया को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इन फलों में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इससे मूत्र संक्रमण की आशंका भी कम होती है। नियमित ग्रीन टी पिएं : बाजार में किडनी साफ करने वाली चाय उपलब्ध हैं। इसका नियमित सेवन किडनी को ठीक करता है। नेटल चाय, डैनडेलियन चाय और तुलसी चाय कुछ ऑर्गेनिक चाय हैं, जो आपकी किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में सहायता करती हैं। नियमित ग्रीन टी का सेवन शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर करने में मदद करता है। दिनभर में दो से तीन कप ग्रीन टी ले सकते हैं। मैदा, नमक व चीनी कम खाएं : पोषण से भरपूर भोजन और नियमित व्यायाम अच्छी सेहत के साथ वजन भी काबू रखता है, जो किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। मैग्नीशियम किडनी के लिए जरूरी तत्व है। मैग्नीशियम वाली चीजें, जैसे कि गहरे रंग की सब्जियों का नियमित सेवन शरीर में कई रोगों के लिए फायदेमंद है। अगर किडनी रोगों की समस्या रहने लगी है तो खाने में नमक, चीनी, सोडियम और प्रोटीन की मात्रा घटाना जरूरी होता है। इससे शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलती है। कुल मिलाकर शरीर को हल्का और सुपाच्य भोजन ही दें। अंडे की सफेदी में एमीनो एसिड होता है, इसमें फॉस्फोरस कम मात्रा में होता है, जो किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है। कैफीन, एल्कोहल, चॉकलेट, धूम्रपान और प्रोसेस्ड चीजों जैसे चीनी, नमक, मैदा (सफेद पास्ता, बिस्कुट, सफेद ब्रेड आदि) से बचें। प्रोसेस्ड फूड को पचाने में शरीर को मेहनत भी अधिक करनी पड़ती है। दर्द निवारक दवाएं और किडनी रोगों की दवाएं डॉक्टर की सलाह से ही लें. वजन नियंत्रित रखें खान-पान की स्वस्थ आदतें अपनाएं धूम्रपान व एल्कोहल का सेवन न करें सक्रिय जीवनशैली अपनाएं रक्तचाप काबू रखें 330 के बाद नियमित जांच कराएं मधुमेह नियंत्रित रखें Post Views: 184