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मुंबई का पहला डिसइन्फेक्शन चेंबर, 20 सेकंड में हर तरह के वायरस खत्म करने का दावा

मुंबई: मुंबई में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए तरह-तरह की तकनीक खोजी जा रही है। इसी के तहत मुंबई में डिसइन्फेक्शन चेंबर की शुरुआत की गई है, जिसकी मदद से वायरस को मारने में मदद मिल सकती है। वर्ली स्थित पोद्दार कॉलेज में मुंबई के पहले डिसइन्फेक्शन चेंबर की शुरुआत की गई है। इसका लाभ कॉलेज में क्वारन्टीन किए गए लोगों के साथ वहां के हेल्थ वर्कर ले सकेंगे।
चेंबर की शुरुआत बीएमसी और मोटापा रोग विशेषज्ञ डॉ मुफ़्फ़जल लकड़ावाला के आपसी सहयोग से की गई है।
लकड़ावाला ने बताया कि यह एक तरीके का अतिरिक्त प्रिकॉशन है, जो कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। चेंबर में एक खास तरह का मिस्ट निकलता है, जो कपड़ों पर रहने वाले वायरस को खत्म करने में मददगार है। कॉलेज आने वाले लोगों को हम 20 सेकेंड इस चेंबर में रहने की सलाह देते हैं। इससे अगर उनके कपड़ों पर किसी भी तरह का वायरस यहां तक कि कोरोना भी होगा, तो वह मर जाएगा, जिससे वायरस के प्रसार में कमी आएगी। चेंबर में निकलने वाला मिस्ट सोप वाटर (साबुन का पानी) है, जिसका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यह वैसे ही है, जैसे हम साबुन से हाथ धोते हैं।

चेंबर में केवल सोप वाटर, हाइपोक्लोराइड नहीं
डॉ लकड़ावाला ने बताया कि चेंबर में केवल सोप वाटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। हाइपो सोडियम क्लोरोइड का इस्तेमाल हमें पर्सनल डिसइन्फेक्शन के लिए नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका दुष्प्रभाव भी शरीर पर हो सकता है।
बीएमसी फायर विभाग के प्रमुख पी राहंगदले ने भी बताया कि पर्सनल डिसइंफेक्शन के लिए हाइपो सोडियम क्लोरोइड नही है।
बता दें कि देश में कुछ जगहों पर हाइपो सोडियम क्लोरोइड का इस्तेमाल पर्सनल डिसइन्फेक्शन के लिए किए जाने की बात सामने आई है। ऐसे में मुंबई में शुरू हुए इस चेम्बर में भी इसका इस्तेमाल होने को लेकर चर्चा शुरू हो उसके पहले ही डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि इसमें केवल सोप वाटर का इस्तेमाल किया जा रहा है।