उत्तर प्रदेशशहर और राज्य UP: रेलवे इंजीनियर राजेश लिंग बदलवाकर सोनिया बना, नाम को लेकर कानूनी उलझन में फंसे अधिकारी 24th July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this पहले राजेश अब सोनिया… गोरखपुर, रेलवे में कार्यरत राजेश अपना लिंग परिर्वतन कराके सोनिया बन चुका है। उसने नौकरी के रिकॉर्ड में अपना नाम और लिंग बदलने के लिए आवेदन कर दिया है। उसके इस आवेदन ने रेलवे के अधिकारियों को उलझन में डाल दी। अधिकारी समझ नहीं पा रहे हैं कि इसे कानूनी तौर पर मान्यता कैसे दी जाए। पूर्वोत्तर रेलवे के जनंसपर्क अधिकारी सीपी चौहान कहते हैं कि यह तकनीकी मामला है। इसलिए, कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।राजेश पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तैनात है। पिता और बड़े भाई की मौत के बाद वह अनुकंपा के तहत 19 मार्च 2003 को रेलवे में भर्ती हुआ था। परिवार में चार बहनें और मां हैं। वर्ष 2017 में राजेश लिंग परिवर्तन कराकर महिला बन गया और नाम सोनिया पांडेय रख लिया।नाम बदलने का आवेदन किया तो चौंके अधिकारी राजेश यानी सोनिया ने सबसे पहले मुख्य कारखाना कार्मिक प्रबंधक इज्जतनगर के समक्ष नाम और लिंग बदलने का आवेदन किया। रेलवे अधिकारियों के सामने जब मामला आया तो वे चौंक गए। संभवत: रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि जिसमें किसी पुरुषकर्मी ने लिंग परिवर्तन किया हो और महिला नाम रखकर सर्विस रिकाॅर्ड में नाम बदलने के लिए आवेदन किया हो। रेलवे के अधिकारियों ने उसे महाप्रबंधक (जीएम) कार्यालय में आवेदन करने की सलाह दी। उन्होंने अब रेलवे के जीएम और कार्मिक विभाग में सर्विस रिकार्ड में राजेश के स्थान पर सोनिया पांडेय दर्ज करने का आग्रह किया है। राजेश उर्फ सोनिया का पत्र मिलने के बाद रेलवे के अधिकारी उलझन में हैं।राजेश ने बताया कि लिंग परिवर्तन का विचार जब परिवार के सदस्यों को बताया तो वे नाराज हो गए। मां व बहनें रूठ गईं। कोई दूसरा रास्ता न देख मैंने लिंग परिवर्तन करा लिया। धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो गया। मां व बहनें भी मान गईं। अब परेशानी यह है कि मैं कहीं यात्रा करता हूं तो मेरे पास पहचान-पत्र पुरुष का है और चेहरा स्त्री का। इससे निजात पाने के लिए मैंने सर्विस रिकॉर्ड में नाम बदलने का आवेदन किया। लिंग बदलवाने के बाद मैं अब सहज हूं: राजेशराजेश (सोनिया) ने बताया कि मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसकी आत्मा को एक गलत शरीर में डाल दिया गया। पारिवारिक दबाव में शादी की फिर पत्नी को सच्चाई बताई तो तलाक भी हो गया। मैंने बाद में सर्जरी करवा ली। यही सही था क्योंकि रोज-रोज घुटने से अच्छा था कि मैं लिंग बदलवा लूं। इसको दो साल बीत गए हैं और अब मैं सहज महसूस करती हूं। अब मुझे अपना अस्तित्व मिल गया। Post Views: 240