दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य AIIMS के एक्सपर्ट ने बच्चों के टीकाकरण पर सरकार के फैसले को बताया गलत, कहा- फायदा कम, जोखिम ज्यादा 26th December 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात देश के नाम संबोधन में ऐलान किया कि 3 जनवरी से 15-18 साल के बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। एक तरफ जहां अधिकतर विशेषज्ञ सरकार के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं तो वहीं ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) के वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ और अस्पताल में व्यस्कों और बच्चों पर हुए कोवैक्सीन ट्रायल के मुख्य जांचकर्ता ने सरकार के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने सरकार के इस फैसले को अवैज्ञानिक बताते हुए कहा है कि इससे कोई अतिरिक्त फायदा नहीं होगा। इंडियन पब्लिक हेल्थ असोसिएशन के प्रमुख डॉ संजय के राय ने कहा कि फैसले पर अमल से पहले उन देशों के आंकड़ों का विश्लेषण करना चाहिए जिन्होंने पहले ही बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया है। पीएम मोदी ने बच्चों के लिए टीकाकरण का ऐलान करते हुए कहा कि इससे स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की चिंता कम होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से स्कूलों में शिक्षण सामान्य बनाने में मदद मिलेगी। डॉ राय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को टैग करते हुए ट्वीट किया- ‘मैं पीएम मोदी की ओर से देश की निस्वार्थ सेवा और सही समय पर सही फैसलों के लिए उनका बड़ा फैन हूं। लेकिन बच्चों के टीकाकरण पर उनके अवैज्ञानिक फैसले से पूरी तरह निराश हूं।’ अपनी बात समझाते हुए उन्होंने कहा कि किसी हस्तक्षेप के लिए स्पष्ट उद्देश्य होना चाहिए। उद्देश्य कोरोना संक्रमण रोकना या गंभीरता या मृत्यु से बचाना है। लेकिन वैक्सीन को लेकर हमारी जो जानकारी है, वे संक्रमण को बहुत रोकने में सक्षम नहीं हैं। कुछ देशों में लोग ‘बूस्टर डोज’ के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं। राय ने पीटीआई से कहा, ब्रिटेन में हर दिन 50 हजार से अधिक केस आ रहे हैं। इसलिए यह साबित करता है कि वैक्सीन संक्रमण को नहीं रोक रहा है, लेकिन ये गंभीरता और मौत को रोकने में प्रभावी हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की मृत्यु दर 1.5 फीसदी है, इसका मतलब है कि प्रति 10 लाख पर 15 हजार मौतें। उन्होंने कहा, टीकाकरण के जरिए हम 80-90 फीसदी मौतें रोक सकते हैं, जिसका मतलब है कि प्रति 10 लाख पर 14-15 हजार मौतें रोकी जा सकती हैं। राय आगे कहते हैं कि टीकाकरण के बाद प्रति 10 लाख की आबादी पर 10 से 15 गंभीर साइड इफेक्ट होते हैं। उन्होंने कहा, इसलिए यदि आप व्यस्कों में जोखिम और फायदे का विश्लेषण करते हैं तो इसका बहुत फायदा है। लेकिन बच्चों के मामले में संक्रमण की गंभीरता बहुत कम है, प्रति 10 लाख की आबादी पर केवल 2 मौतें हुई हैं। इस वर्ग (बच्चों) में 15000 (लोग) नहीं मर रहे हैं और गंभीर साइड इफेक्ट को भी ध्यान में रखकर आप जोखिम और लाभ का विश्लेषण करते हैं उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, फायदे से अधिक जोखिम है। उन्होंने कहा कि बच्चों के टीकाकरण में दोनों ही उद्देश्य पूरे नहीं हो रहे हैं। राय ने कहा कि अमेरिका सहित कई देशों ने बच्चों का टीकाकरण 4-5 महीने पहले शुरू कर दिया था और बच्चों को टीका लगाने से पहले इन देशों के आंकड़ों का विश्लेषण करना चाहिए। Post Views: 207