ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई उपनगरमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य BMC में नेता प्रतिपक्ष को लेकर फंसा पेंच, प्रभाकर शिंदे का नाम तय? 28th February 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this बीजेपी नगरसेवक विनोद मिश्रा बने बीएमसी में ग्रुप लीडर मुंबई: तक़रीबन नौ महीने के इंतजार के बाद बीएमसी में बीजेपी ने अपना नया ग्रुप नेता मलाड के नगरसेवक विनोद मिश्रा को चुना है। मनोज कोटक के सांसद चुने जाने के बाद से ही नए नेता का इंतजार था। बीजेपी के नगरसेवकों की बैठक में मुलुंड से नगरसेवक प्रभाकर शिंदे का नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए तय किया गया। हालांकि, बीएमसी के ऐक्ट में इस तरह से ग्रुप नेता और नेता प्रतिपक्ष के लिए अलग-अलग प्रावधान न होने के कारण इस फैसले के लागू होने को लेकर कई प्रश्न कायम है।उपनेता पद पर उज्ज्वला मोडक और रीता मकवाना को नियुक्त किया गया है जबकि मुख्य प्रतोद पद पर सुनील यादव को चुना गया है। भालचंद्र शिरसाट को प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। चुनी गई नई टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात भी की। हिंदी भाषी के हाथों कमानहाल ही में मुंबई बीजेपी अध्यक्ष पद पर मंगल प्रभात लोढ़ा की नियुक्ति की गई है। बीएमसी में नगरसेवकों की कमान पाने वाले विनोद मिश्रा भी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से हैं। यानी, पार्टी ने 2022 में होने वाले महानगरपालिका चुनाव को ध्यान में रखते हुए हिंदी भाषियों पर जोर देने का मन बना लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी समझे जाने वाले विनोद मिश्रा पहली बार ही नगरसेवक चुने गए हैं। लंबे समय बाद हिंदी भाषी के पास बीजेपी ने बीएमसी में कमान सौंपी है। अब देखना होगा कि मिश्र शिवसेना पर कितना दबाव बना पाते हैं? प्रभाकर कैसे बनेंगे नेता प्रतिपक्ष?मुंबई अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा ने प्रभाकर शिंदे को नेता प्रतिपक्ष बनाने का पत्र महापौर को भेज दिया है। हालांकि, इस मामले में कई पेंच हैं। म्यूनिसिपल सेक्रेटरी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष पद पर कांग्रेस के रवि राजा विराजमान हैं। उनका इस्तीफा दिए बिना दूसरा नेता प्रतिपक्ष कैसे चुना जाएगा? यदि बीजेपी को पद देने का निर्णय हो भी जाए तो ऐक्ट के मुताबिक, यह ग्रुप नेता को ही मिलेगा। जबकि बीजेपी नगरसेवक ग्रुप नेता को पार्टी का आंतरिक मामला बता रही है।एक सूत्र के मुताबिक, शिवसेना इस मुद्दे पर जल्दबाजी में कोई भी फैसला लेने के मूड में नहीं है। पार्टी पर्याप्त समय लेकर इस संदर्भ में फैसला लेगी। एक अधिकारी ने बताया कि शिंदे के संदर्भ में पत्र तो महापौर को मिल गया है लेकिन मिश्र की नियुक्ति के लिए पत्र नहीं मिला है। 5 मार्च को प्रस्तावित सभागृह की बैठक से पहले यदि पत्र मिल जाता है तो मिश्रा की नियुक्ति की घोषणा बतौर ग्रुप नेता हो सकती है। Post Views: 206