ब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहर Mumbai: मदर डेयरी भूमि को बचाने के लिए पोस्टकार्ड आंदोलन और हस्ताक्षर अभियान शुरू 29th June 2024 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: देश की सबसे चर्चित झुग्गी-बस्ती धारावी, जो मायानगरी मुंबई में एक प्रमुख स्थान रखती है। यहां ८ लाख से अधिक लोगों का घर है। एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी को २००४ में महाराष्ट्र सरकार ने उन्नत शहरी सुविधाओं के साथ ऊंची इमारतों के समूह में बदलने का निर्णय लिया था। धारावी पुनर्विकास परियोजना में निवासियों और वाणिज्यिक संगठनों सहित ६८,००० लोगों को स्थानांतरित करना शामिल था। राज्य सरकार का इरादा उन लोगों को मुफ्त में ३०० वर्ग फुट के आवास देने का था जो यह साबित कर सकें कि उनकी झुग्गी संरचना १ जनवरी २००० से पहले अस्तित्व में थी और २०११ के बीच धारावी में बस गए थे। परन्तु अब धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए नेहरू नगर डेयरी भूमि का पुनः उपयोग करने की शिंदे सरकार की योजना के खिलाफ कुर्ला निवासियों का गुस्सा फूट रहा है और वे एकजुट हो रहे हैं। १० जून को स्वीकृत इस प्रस्ताव में धारावी झुग्गीवासियों के आवास के लिए ८.५ हेक्टेयर का भूखंड आवंटित किया गया है, जिसका स्थानीय लोगों ने तीव्र विरोध किया है। सांसद वर्षा गायकवाड के नेतृत्व में स्थानीय निवासियों ने एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की इच्छा सर्वोपरि होती है। फिर भी, यह निरंकुश सरकार अपने नागरिकों की तुलना में अपने धनी व्यापारिक सहयोगियों के हितों को प्राथमिकता दे रही है। हम उनकी जनविरोधी योजनाओं को सफल नहीं होने देंगे। मैं अडानी समूह के लिए पर्यावरण के प्रति संवेदनशील कुर्ला डेयरी भूमि को विकसित करने के खिलाफ विरोध और हस्ताक्षर अभियान में लोगों से शामिल होने की अपील करती हूं। उन्होंने कहा कि हम सब एकजुट होकर मोदानी हटाएंगे और मुंबई को बचाएंगे। मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष व धारावी से चार बार की विधायक रही सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा कि सरकार को जनभावनाओं की अवहेलना बंद करनी चाहिए और इस जनविरोधी जीआर को तुरंत रद्द करना चाहिए। उन्होंने इस मामले में भूमि हड़पने का आरोप लगाया है। इस अभियान में पूर्व स्थानीय नगरसेविका प्रविणा मोरजकर के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी शामिल हुए। निवासियों ने शुरू किया पोस्टकार्ड आंदोलन स्थानीय निवासियों ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को कई पोस्टकार्ड भेजकर पोस्टकार्ड आंदोलन शुरू करने का फैसला किया, जिसमें कुर्ला डेयरी प्लॉट पर धारावी परियोजना से प्रभावित निवासियों के पुनर्वास के विवादास्पद सरकारी प्रस्ताव (जीआर) को वापस लेने की अपील की गई। डेयरी विकास विभाग द्वारा १० जून को एक सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किया गया था। जिसमें धारावी पुनर्विकास परियोजना को महत्वपूर्ण और सार्वजनिक महत्व का बताया गया था, जिसमें धारावी निवासियों के पुनर्वास के लिए रेडी रेकनर दरों से २५ प्रतिशत कम पर कुर्ला सरकारी डेयरी प्लॉट उपलब्ध कराने की पेशकश की गई थी। कुर्ला-नेहरू नगर के निवासियों को प्रभावित करने वाले जीआर को जारी किए हुए आज १५ दिन से अधिक हो गए हैं, और सरकार की ओर से इसे वापस लेने या वापस लेने के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। स्थानीय निवासी किरण पेलवान ने कहा कि सरकार की यह चुप्पी अस्वीकार्य है। यह स्पष्ट है कि आम आदमी की आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है। कुर्ला प्लॉट पर हरियाली को हर कीमत पर संरक्षित करने की जरूरत है। हम लोगों ने जीआर को वापस लेने की अपील करते हुए पीएम और सीएम को पोस्टकार्ड भेजने का फैसला किया है। आदित्य ठाकरे बोले- क्या मुंबई को एक उद्योगपति को बेचा जा रहा है? इस मामले को लेकर ‘धारावी बचाओ आंदोलन’ के एक समूह ने २० जून को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक आदित्य ठाकरे से मुलाकात की थी और बताया कि यह भूखंड एक घने शहरी जंगल की तरह है। जिस पर आदित्य ठाकरे ने सरकार से सवाल किया है कि जब धारावी को उसी स्थान पर पुनर्विकसित किया जा सकता है, तो डेवलपर को बड़े भूखंड क्यों दिए जा रहे हैं? क्या मुंबई को एक उद्योगपति को बेचा जा रहा है? हम मुंबई की इस बिक्री का विरोध करेंगे। हमारे पूर्वजों ने मुंबई को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाने के लिए लड़ाई लड़ी थी और अब भाजपा उद्योगपतियों का उपयोग करके इसे छीनना चाहती है। Post Views: 73