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नहीं रहे अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास!

नेटवर्क महानगर/अयोध्या
उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन हो गया। उन्होंने 85 साल की उम्र में लखनऊ के पीजीआई में अंतिम सांसें ली। रिपोर्ट के मुताबिक, उनको 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज की समस्या आने के बाद लखनऊ के पीजीआई भेजा गया। यहां न्यूरोलॉजी वार्ड के HDU में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी। अयोध्या के मठ-मंदिरों में शोक का माहौल है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आचार्य सत्येंद्र दास के शिष्य प्रदीप दास ने बताया कि लखनऊ के पीजीआई में बुधवार (12 फरवरी) की सुबह करीब 8 बजे सत्येंद्र दास का निधन हुआ है। वह लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। शिष्य उनके पार्थिव शरीर को लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं। दास का अंतिम संस्कार कल यानी शुक्रवार (13 फरवरी) को अयोध्या में सरयू नदी के किनारे किया जाएगा। हाल ही में पीजीआई ने हेल्थ बुलेटिन जारी कर बताया था कि सत्येंद्र दास मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।

बता दें कि श्री राम जन्मभूमि में 34 वर्षों से सत्येंद्र दास बतौर मुख्य पुजारी के रूप में प्रभु श्रीराम की सेवा करते आ रहे है। उनका जन्म 20 मई 1945 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में हुआ था। बचपन से ही सत्येंद्र दास का राम के प्रति अत्यधिक लगाव हुआ करता था। सत्येंद्र दास अपने गुरु अभिराम दास जी से बड़े प्रभावित हुए, जिसके बाद उन्होंने संन्यास लेकर आश्रम में रहने का निर्णय लिया और फिर 1958 में अपना घर छोड़कर अयोध्या चले आए।
सत्येंद्र दास के मन में बचपन से ही भगवान के प्रति श्रद्धा और लगाव काफी ज्यादा था। वह अपने पिता के साथ अक्सर अयोध्या दर्शन के लिए जाया करते थे। जब उन्होंने अपने संन्यास के बारे में पिता को सूचित किया तो पिता ने भी काफी खुशी-खुशी उन्हें घर से विदा कर दिया था।

शिक्षक की भूमिका भी निभा चुके हैं सत्येंद्र दास
1975 में आचार्य सत्येंद्र दास ने संस्कृत में आचार्य की डिग्री हासिल की थी। 1976 में आचार्य सत्येंद्र दास कथित तौर पर एक शिक्षक की भूमिका भी निभा चुके हैं। वह अयोध्या संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत रहे। 1992 में उनकी नियुक्ति के दौरान उनका मासिक वेतन केवल 100 रूपये हुआ करता था। इसके अलावा आचार्य सत्येंद्र दास बाबरी विधानसभा के करीब एक वर्ष पहले से रामलला मंदिर में मुख्य पुजारी के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। हर महीने उन्हें 38 हजार रुपये दिए जाते थे। टेंट से भव्य राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से लेकर राम मंदिर आंदोलन तक के हर एक पल के वे साक्षी रहे सत्येंद्र दास अंतिम सांसों वे रामलला की सेवा करते रहे।

सैलरी के बारे में क्या बोले सत्येंद्र दास?
आचार्य सत्येंद्र दास एक बार अपने वेतन के बारे में बताते हुए कहा था कि हमको पहले 15,520 रुपये मिलते थे। बाद में इसे बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया। इसके बाद पिछले साल सितंबर में उनकी सैलरी 38 हजार कर दी गई। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के सहायक पुजारियों की सैलरी भी 20 हजार से बढ़ाकर 33 हजार की गई। सहायकों के वेतन को 24,400 रुपये कर दिया गया। वर्तमान में उन्हें 38 हजार रुपये वेतन के रूप में मिलते थे।

सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि!
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य सत्येंद्र दास को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- ”परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन एक दुःखद और आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। उनको मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से वह प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”