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Varanasi: साड़ी पर उकेरा ”ऑपरेशन सिंदूर” की थीम; व्यवसायी ने दिखाई देशभक्ति का जज़्बा!

अंकेश जायसवाल / वाराणसी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में भारतीय पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ”ऑपरेशन सिंदूर” की गूंज काशी की गलियों के साथ बाजारों में भी सुनाई दे रही है। बनारस की पहचान मानी जाने वाली बनारसी साड़ियों पर अब ”ऑपरेशन सिंदूर” की थीम उकेरी गई है, जो लोगों को आकर्षित कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कारीगरों ने भारतीय सेना के पराक्रम को बेहद आकर्षक तरीके से साड़ियों पर उकेरा है। यह साड़ी ”ऑपरेशन सिंदूर” को समर्पित है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी। सेना के इस शौर्य को काशी के कारीगरों ने अपनी कला से ”श्रद्धांजलि” अर्पित की है। साड़ियों पर एस-400 मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल और विमानवाहक पोत विक्रांत जैसे हथियार प्रिंट किए गए हैं। साड़ी कारोबारी विकास भवशंकर इस साड़ी को कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को भेंट करना चाहते हैं। इन दोनों वीरांगनाओं ने ”ऑपरेशन सिंदूर” के बारे में देश को जानकारी दी थी।

भारत ने यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को शुरू किया था। पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। नतीजे में पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और उसने भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई। ”ऑपरेशन सिंदूर” के तहत 7 मई 2025 की देर रात जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के मुख्यालय समेत 9 आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया गया। इस पर पाकिस्तान की सेना ने भारत पर हमला करने की कोशिश की। पाकिस्तान के 11 एयरबेस और 2 रडार स्टेशनों को भी भारतीय सेना ने मिसाइलें दागकर जबरदस्त नुकसान पहुंचाया। नतीजे में 10 मई की दोपहर पाकिस्तान की सेना के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ राजीव घई को फोन कर सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई। जिसके बाद भारत ने ”ऑपरेशन सिंदूर” को स्थगित किया। भारत ने साफ कहा है कि अगर पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों पर कार्रवाई न की और भारत में फिर कोई हमला हुआ, तो पाकिस्तान को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।

Colonel Sophia Qureshi and Wing Commander Vyomika Singh..

सैनिकों को उपहार स्वरूप दिया जाएगा ये साड़ी
साड़ी पर कलाकृति उकेरने वाले विकास भवशंकर ने बताया कि इस साड़ी को बनाने के पीछे की मंशा है कि पूरा देश इस साड़ी को देखें और हमारी भारतीय सेना के लिए वह गर्व महसूस करें कि आज उनकी वजह से हम सभी देशवासी सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि यह साड़ी मैंने मार्केट में बेचने के लिए नहीं, बल्कि वीरों के सम्मान में बनाया है और इसे सभी सैनिकों को उपहार स्वरूप दिया जाएगा। खासतौर पर कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को। पीएम कार्यालय से संपर्क करने के बाद सभी प्रक्रिया पूर्ण करके इसे भेजा जायेगा। इस साड़ी में भारत का सुदर्शन चक्र राफेल, S-400, ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर जल, थल और वायु सेना के सैनिकों को, उनके साहस और पराक्रम को दर्शाया गया है। साथ ही ”ऑपरेशन सिंदूर” जो कि भारत का एक सफल अभियान रहा उसके नाम से पूरा बॉर्डर हाईलाइट किया गया है।

दुकानदार विकास ने आगे कहा कि इस साड़ी के माध्यम से हम एक संदेश देना चाहते हैं कि पूरा देश अपने सैनिकों के साथ खड़ा है, पूरा भारत एक है। उन्होंने बताया कि अभी तो हमने सिर्फ सेंपल तैयार किया है और भी साड़ियां तैयार की जाएगी। ये साड़ियां देश के सैनिकों को हम अपनी तरफ से गिफ्ट देना चाहते हैं।
ये साड़ियां न केवल पारंपरिक बनारसी कला का उदाहरण हैं, बल्कि उनमें समाहित देशभक्ति का जज़्बा हर किसी को गौरवान्वित करता है। स्थानीय लोगों के अलावा विदेशी पर्यटक भी इन खास साड़ियों में गहरी रुचि दिखा रहे हैं। ये साड़ियां अब राष्ट्रभक्ति की नई पहचान बन चुकी हैं, जो यह दर्शाती हैं कि जब देश की बात हो, तो हर वर्ग चाहे वह कलाकार हो या व्यवसायी, सभी एकजुट होकर राष्ट्र के साथ खड़ा होता है।