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Virar: गोपचरपाड़ा में इमारत की छत से प्लास्टर का एक हिस्सा गिरने से महिला की मौत!

नेटवर्क महानगर / पालघर
मुंबई-ठाणे और पालघर समेत कई अन्य जिलों में सोमवार को हुई भारी बारिश के चलते विरार पूर्व के गोपचरपाड़ा इलाके में 30 साल पुरानी जर्जर इमारत ‘पूजा अपार्टमेंट’ में छत के प्लास्टर का एक हिस्सा गिरने से एक 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जबकि उसके दो छोटे बच्चे घायल हो गए। मृतका की पहचान लक्ष्मी राजू सिंह (31) के रूप में हुई है, जो हादसे के वक्त अपने 7 महीने के शिशु और तीन साल के बेटे के साथ दूसरी मंजिल के फ्लैट में थीं। घटना सोमवार को दोपहर 3 बजे के आसपास पूजा अपार्टमेंट के फ्लैट 335 में घटित हुई।

वसई-विरार महानगरपालिका के अग्निशमनकर्मी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे और तीनों को मलबे निकालकर निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान लक्ष्मी ने दम तोड़ दिया। दोनों बच्चे चमत्कारिक रूप से बच गए। उन्हें मामूली चोटें आई थीं।

‘पूजा अपार्टमेंट’ इमारत को वसई-विरार महानगरपालिका (VVMC) की ओर से पहले ही ‘खतरनाक’ यानी सी1 श्रेणी में सूचीबद्ध की जा चुकी थी। बावजूद इसके, इसे खाली नहीं कराया गया था।

महानगरपालिका के सहायक आयुक्त ग्लिसन घोंसलविस (Gilson Gonsalves) ने जानकारी देते हुए बताया कि इमारत को लेकर पहले ही चेतावनी जारी की गई थी और अब तत्काल खाली कराने का नया नोटिस जारी किया गया है। साथ ही, इसी श्रेणी की अन्य इमारतों को भी जल्द ही ध्वस्त किया जाएगा।घटना के बाद विरार पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु की रिपोर्ट दर्ज कर ली है और यह जांच शुरू कर दी है कि कहीं महानगरपालिका की लापरवाही इस त्रासदी की वजह तो नहीं बनी। जांच में यह भी आकलन किया जाएगा कि समय रहते इमारत खाली कराई गई होती तो क्या यह घटना टाली जा सकती थी? इस हादसे के बाद इमारत में रहने वाले अन्य लोगों को निकाला गया और पास के एक सिविक स्कूल में अस्थायी आश्रय दिया गया है, जहां उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।

वीवीसीएमसी के सहायक आयुक्त ने कहा कि इमारत बाहर से इतनी बुरी स्थिति में नहीं दिखती है, लेकिन 20 मई को संरचनात्मक ऑडिट के लिए नोटिस जारी किया गया था। हालांकि, हमें इमारत के प्रबंधन या रहने वालों से कोई जवाब नहीं मिला है। हम आज इमारत का संरचनात्मक ऑडिट करेंगे। वीवीसीएमसी ने इस साल लगभग 83 इमारतों को संरचनात्मक ऑडिट के लिए नोटिस जारी किए हैं। इनमें से छह इमारतें बेहद खतरनाक श्रेणी में आती हैं। हमने इन इमारतों के निवासियों को पहले ही खाली करने का नोटिस दे दिया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कानून के अनुसार, संरचनात्मक ऑडिट रिपोर्ट जमा करने में विफल रहने वाली इमारतों के प्रबंधन/निवासियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, इस तरह की घटना मुंबई और आसपास के इलाकों में जर्जर इमारतों की हालत और अधिकारियों की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े करती है?