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अदालत ने BMC को निजी इमारत को पृथक-वास केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान की

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को पृथक-वास केंद्र के रूप में एक निजी आवासीय इमारत का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। बीएमसी ने निजी इमारत का पृथक-वास केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने के लिए अप्रैल से करीब 28 लाख रुपए मासिक किराया अदा करने पर सहमति जताई, जिसके बाद अदालत ने उसे यह अनुमति दी।
न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर ने पिछले सप्ताह पारित आदेश में बीएमसी को मुंबई के भायखला इलाके में नीलकमल रियल्टी टावर का पृथक-वास केंद्र के रूप में तब तक इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी। नीलकमल रियल्टी ने निजी इमारतों के अधिग्रहण संबंधी बीएमसी के अधिकार को चुनौती दी थी और अदालत से अनुरोध किया था कि इन इमारतों का पृथक-वास केंद्र की तरह इस्तेमाल करने के बीएमसी के आदेश को खारिज किया जाए।
बीएमसी के वकील अनिल साखरे ने सुनवाई के दौरान अदालत में दलील दी थी कि नगर निकाय के पास महामारी रोग कानून के तहत निजी इमारतों के अधिग्रहण का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जब 12 जून को बीएमसी ने अदालत में हलफनामा दायर किया था, तब तक शहर के ई-वार्ड में 975 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा चुके थे। ई-वार्ड में भायखला का इलाका आता है।
बीएमसी ने कहा कि वार्ड में 2699 लोगों को अत्यधिक जोखिम वाली श्रेणी में चिह्नित किया गया है, क्योंकि वे संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हैं। उसने बताया कि संक्रमण के अत्यधिक मामलों और पर्याप्त पृथक-वास केंद्रों के अभाव के कारण इमारत का इस साल अप्रैल में अधिग्रहण किया गया था और उसे 1000 बिस्तरों वाले पृथक-वास केंद्र में परिवर्तित किया गया था, जिसमें इस समय 940 लोग है।
अन्य स्थानों पर रह रहे इस नवनिर्मित इमारत के 218 किराएदारों में से मात्र नौ ने इमारत को पृथक-वास केंद्र में बदले जाने का विरोध किया, जिसे ध्यान में रखते हुए अदालत ने बीएमसी को अप्रैल से 2838587 रुपए प्रतिमाह किराए के भुगतान की शर्त पर इमारत का इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान की है।