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…अब वेटिंग टिकट से निजात दिलाएगी रेलवे की ‘क्लोन’ योजना

मुंबई: भारतीय रेलवे हमेशा यात्रियों की परेशानी किसी नए शब्द से दूर करती है। इस बार का शब्द है ‘क्लोन’ जिसका रिश्ता एक ही नंबर से दो ट्रेन चलाने से है। शनिवार को रेलवे बोर्ड द्वारा 40 जोड़ी ट्रेनों की घोषणा करने के बाद प्रवासी मजदूरों को मुंबई लाने की परेशानी पर सवाल उठा था। फिलहाल यूपी और बिहार से आने वाली कुल तीन-तीन ट्रेनों में एक से डेढ़ महीने की वेटिंग लिस्ट चल रही है। अब रेलवे बोर्ड की ओर से कहा गया है कि डिमांड वाले रूट पर ‘क्लोन ट्रेनें’ चलाई जाएंगी।

कैसे चलेगी क्लोन ट्रेन?
मौजूदा ट्रेन, जिसकी वेटिंग लिस्ट बहुत ज्यादा है, उसके लिए एक और ट्रेन की व्यवस्था की जाएगी। इस ट्रेन का नंबर भी वही होगा और वह मुख्‍य ट्रेन के प्रस्थान के एक घंटे बाद चलेगी। क्लोन ट्रेनें भी उसी रूट पर और उसी प्‍लैटफॉर्म से जाएंगी, जो वेटिंग लिस्‍ट वाले पैसेंजर्स को लेकर जाएंगी। इससे वेटिंग टिकट वाले यात्री करीब-करीब उसी समय पर बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच जाएंगे।

भारतीय रेलवे की पुरानी योजना
भारतीय रेलवे ने क्‍लोन ट्रेन की योजना पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु के समय बनाई थी। इसका लंबी वेटिंग लिस्ट वाली ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट क्लोन ट्रेन चलाकर ख़त्म करना था। लेकिन बाद में ये योजना ठंडी पड़ गई, इसकी जगह यात्रियों को विकल्प योजना दी गई। विकल्प का मतलब है टिकट बुकिंग के दौरान यदि ज्यादा वेटिंग लिस्ट दिखती है, तो यात्रियों को विकल्प दिखाए जाएंगे। इसमें यात्री विकल्प चुनकर यात्रा के दिन को बदलकर किसी दूसरे रूट की ट्रेन लेकर भी यात्रा कर सकता है। इस योजना को भी ज्यादा प्रतिसाद नहीं मिला, क्योंकि पीक सीजन में विकल्प योजना भी फेल हो जाती है।

मुंबई-दिल्ली रूट पर शुरुआत!
रेलवे बोर्ड के दावों के अनुसार, दिल्‍ली से मुंबई रूट पर इस योजना को शुरू किया जाएगा। रेलवे ने इस रूट पर जीरो वेटिंग लिस्ट कर लक्ष्य रखा है। गौरतलब है कि राजधानी एक्‍सप्रेस में अमूमन काफी भीड़ रहती है। बड़ी संख्‍या में लोगों का टिकट कन्फर्म नहीं हो पाता है। ऐसे में वेटिंग लिस्‍ट के यात्रियों को क्‍लोन ट्रेन में कन्फर्म बर्थ मिलेगी। क्लोन ट्रेन की इस योजना से तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने साल 2020 तक सभी यात्रियों को कन्फर्म टिकट देने की जो योजना बनाई थी, वह क्लोन ट्रेन के रूप में अब अमल में लाई जा रही है।

निजी ट्रेनों का मिलेगा साथ
रेलवे जल्द ही निजी ट्रेनें चलाने की भी शुरुआत कर रही है। इन ट्रेनों में फ्लाइट की तरह डिमांड के आधार पर टिकट की दरें बढ़ती हैं। जैसे मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलने वाली तेजस एक्सप्रेस में एक ही टिकट 1800 से 5000 रुपये तक मिलता है। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि जरूरतमंद व्यक्ति महंगी ही सही, लेकिन टिकट खरीदकर सीट बुक करा सकता है। हालांकि, क्लोन ट्रेनें सामान्य ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट बढ़ने पर चलेंगी, लेकिन ऐसे यात्रियों को निजी ट्रेनों का विकल्प भी दिया जाएगा।