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कोविड संकट के बीच महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय सत्र शुरू, सदस्यों ने किया हंगामा!

मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना संकट के बीच सोमवार से शुरु विधानमंडल के दो दिवसीय मानसून अधिवेशन की शुरुआत से पहले विधान भवन परिसर में अव्यवस्था का माहौल देखने को मिला। यह अव्यवस्था कई विधायकों को विधानसभा में प्रवेश न मिलने के बाद हुआ। दरअसल इन विधायकों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट नहीं आई थी।
कोविड-19 महामारी के बीच राज्य विधानसभा का दो दिवसीय सत्र शुरू हुआ है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे और विधान भवन में प्रवेश नहीं कर पाने वाले अन्य विधायकों ने राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार से इसकी शिकायत की। पवार ने विधानसभा के सचिव राजेंद्र भागवत को फोन करके उनसे कहा कि जिन सदस्यों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट में संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई है, उन्हें जल्द से जल्द प्रवेश दिया जाए। उन्होंने स्थानीय पुलिस उपायुक्त को भी तलब करके उनसे विधान भवन के मुख्य द्वार पर जमा भीड़ को हटाने के लिए कहा।

अजित पवार ने विधानसभा के कर्मचारियों से कहा कि वे सदस्यों के बैज और उनकी परीक्षण रिपोर्ट की जांच पहले कर लें। कई सदस्यों ने निजी रूप से जांच कराई है और अगर उनकी रिपोर्ट में संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई है तो उन्हें प्रवेश दें। विधान भवन के सूत्रों के मुताबिक सप्ताहांत में विधायकों, मंत्रियों, नौकरशाहों, विधानसभा कर्मियों और पत्रकारों के 2,115 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 58 नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसी बीच विधान भवन इमारत की सीढ़ियों पर विपक्षी पार्टियों के कुछ विधायकों ने मेडिकल दाखिले में क्षेत्रीय आरक्षण को खत्म करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।

राज्य में 9 लाख संक्रमित
महाराष्ट्र के इतिहास में यह सबसे कम अवधि वाला मानसून सत्र है। राज्य में अब तक नौ लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि इसी बीच सत्र की बैठक शुरू हो गई है और विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झीरवाल ने सदस्यों से शारीरिक दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने की अपील की।
झीरवाल ने सदस्यों से कहा कि वे उन सीटों पर न बैंठें जिन पर ‘बैठने से मना करने वाले’ संकेत हैं। शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए सदस्य दर्शक दीर्घा में भी बैठ रहे हैं। वहीं उपाध्यक्ष ने सदस्यों से यह भी कहा है कि वे बोलते समय मास्क पहने रहें। वह फिलहाल सदन की अध्यक्षता कर रहे हैं क्योंकि अध्यक्ष नाना पटोले पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अस्वस्थ हैं।

सत्र शुरू होने के बाद उप मुख्यमंत्री पवार ने जीएसटी और आकस्मिक निधि में संशोधनों से जुड़े अध्यादेश पेश किए। राज्य सरकार ने सदस्यों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे को कम करने और सदन के काम में बाधा भी नहीं पहुंचे, इसके लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं। विधायकों के लिए अनिवार्य एंटीजन जांच, कोविड-19 किट का वितरण और नई बैठक व्यवस्था समेत कई अन्य कदम उठाए गए हैं।

मानसून अधिवेशन के पहले दिन दोनों सदनों में 29 हजार 84 करोड़ की पूरक मांगे पेश की गई। पूरक मांगों में शिवसेना व राकांपा के मंत्रियों वाले विभाग पर खास मेहरबानी दिखाई गई है। पंद्रहवे वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों को विभिन्न विकास योजनाओं के लिए सहायक अनुदान के तौर पर 815 करोड़ 73 लाख रुपए और नगरपरिषद क्षेत्र में वैशिष्टपूर्ण विकास कार्यों के लिए विशेष अनुदान के तौर पर 500 करोड़ रुपए पूरक मांगों के तहत उपलब्ध कराया गया है। उपमुंख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार ने विधानभा और वित्त राज्यमंत्री शंभुराज देसाई ने विधान परिषद में वर्ष 2020-21 की पूरक मांगों को पेश किया। पूरक मांगों पर मंगलवार को चर्चा के बाद मंजूरी दी जाएगी।

कोरोना संकट के कारण राज्य सरकार को अप्रैल महिने से रिजर्व बैंक से निकासी करनी पड़ रही। इस रकम की वापसी के लिए 12 हजार करोड़ का प्रावधान करना पड़ा है। महात्मा ज्योतिराव फुले किसान कर्जमुक्ति योजना के लिए डेढ़ हजार करोड़ और संक्रामक रोगों की रोकधाम कार्यक्रम के लिए दवाएं खरीदने 634 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। महात्मा ज्योतिबा फुले जनआरोग्य योजना के तहत बीमा किश्त के भुगतान के लिए 540 करोड़,श्रावणबाल सेवा राज्य सेवानिवृत्त वेतन योजना के लिए 400 करोड़, आंगनवाडी कर्मचारियों के मानधन के लिए 400 करोड़, सरप्लस दुध का पावडर बनाने के लिए 316 करोड़ और बांध परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 300 करोड़ का प्रावधन पूरक मांगों में किया गया है।

विपक्ष की मांग- कोरोना योद्धाओं को मिले शहीद का दर्जा
विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कोरोना योद्धाओं को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। दरेकर ने कहा कि दूसरों को सेवाएं देते समय जान गंवाने वाले डॉक्टर, नर्स, पुलिस, विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। सोमवार को विधान परिषद में सदन के नेता तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शोक प्रस्ताव के दौरान कोरोना योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर दरेकर ने कहा कि कोरोना मरीजों को सेवाएं देते समय कई डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। कोरोना संकट में योगदान देने वाले ऐसे लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। दूसरों को कोरोना मुक्त करने के लिए ये लोग इमानदारी से अपना काम कर रहे थे।
दरेकर ने कहा कि राज्य सरकार को सेवा के दौरान जान गंवाने वालों के परिजनों को आर्थिक मदद करनी चाहिए अथवा परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी में शामिल करना चाहिए। दरेकर ने कहा कि पत्रकारों को भी 50 लाख रुपए का बीमा कवच दिया जाना चाहिए। इससे पहले उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। मैं कोरोना की लड़ाई में जान गंवाने वाले कोरोना योद्धाओं और नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं इन सभी लोगों के त्याग के लिए कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। उपमुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि हम सब की एकजुटता और सहयोग से कोरोना के विरुद्ध यह लड़ाई जल्द जीतेंगे।

विधान परिषद में तालिका सभापति नियुक्त
विधान परिषद में तालिका सभापति के रूप में भाजपा सदस्य प्रसाद लाड, शिवसेना सदस्य डॉ. मनीषा कायंदे, राकांपा सदस्य संजय दौंड और कांग्रेस सदस्य अमरनाथ राजूरकर की नियुक्ति की गई है। सोमवार को विधान परिषद के सभपाति रामराजे नाईक-निंबालकर ने यह घोषणा की। तालिका सभापति की नियुक्ति मानसून अधिवेशन के लिए की गई है।
इससे पहले कोरोना टेस्ट नेगेटिव आने वाले विधायकों और मंत्रियों को ही विधानभवन में प्रवेश दिया गया। हर अधिवेशन की पूर्व संध्या पर होने वाली परंपरागत चाय पार्टी को कोरोना के चलते रद्द कर दिया गया। रविवार को केवल अधिवेशन के मद्देनजर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी। मानसून सत्र को देखते हुए विपक्ष आक्रामक हो गया है।

अधिवेशन के पहले दिन सरकार साल 2020-21 के पूरक मांगों का प्रस्ताव रखा गया। दो दिवसीय अधिवेशन में सरकार 14 विधेयक मंजूर कराएगी। जबकि 9 अध्यादेश तथा 1 प्रस्तावित अध्यादेश को सदन के पटल पर रखा जाएगा। इससे पहले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि कोरोना संकट के चलते दोनों सदनों में विधायकों को बैठने के लिए आसन व्यवस्था दूर-दूर रहेगी। यदि जरूरत पड़ी तो विधायकों को बैठने के लिए दर्शक दीर्घा का उपयोग किया जाएगा। टोपे ने बताया कि मानसून सत्र के लिए विधानभवन में प्रवेश के लिए विधायकों, मंत्रियों और अफसरों के कोरोना टेस्ट कराए गए थे। इसमें शनिवार तक 400 वीआईपी लोगों के कोरोना टेस्ट में सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जबकि 11 कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं कुछ लोगों की रिपोर्ट आने अभी बाकी है।

किस विभाग को कितना मिला

सार्वजनिक स्वास्थ्य……             1 हजार 665 करोड़
मेडिकल शिक्षा………..                 363 करोड़ 
सहकार, वस्त्रोद्योग, विपणन..….1500 करोड़ 
सामाजिक न्याय…………            856 करोड़ 
महिला व बालविकास……..          460 करोड़
कृषि, पशुसंवर्धन, दुग्धविकास……441 करोड़ 
जलसंसाधन……………….           305 करोड़
खाद्य व आपूर्ति विभाग……..    301 करोड़
गृह……………………………..      244 करोड़
आदिवासी विकास…………..      175 करोड़