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आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन मामले में चंदा कोचर के पति को ईडी ने किया गिरफ्तार

नयी दिल्ली: आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन मामले में बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर के पति को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारी करीब 3250 करोड़ रुपये का लोन देने के मामले में की गई है। ऐसे में अब लोग ये जानना चाह रहे हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है और कैसे पूरा स्कैम हुआ है।
ICICI बैंक और वीडियोकॉन ग्रुप के निवेशक अरविंद गुप्ता ने चंदा कोचर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रुपये का लोन देने के बदले में गलत तरीके से निजी फायदा उठाया। बता दें कि विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिला था। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। इस लोन दिए जाने के करीब 6 महीने बाद वेणुगोपाल धूत ने अपने सहयोगी के जरिए सुप्रीम एनर्जी का मालिकाना हक दीपक कोचर की कंपनी को काफी सस्ते में दे दिया था।
चंदा कोचर के पति दीपक ने विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के साथ मिलकर दिसंबर 2008 में नूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) के नाम से साझा कंपनी बनाई थी। इस कंपनी में धूत, उनके परिवार के सदस्यों और करीबियों के पास करीब 50 फीसदी शेयर थे। बाकी के 50 फीसदी शेयर चंदा कोचर के पति दीपक कोचर, उनके पिता की कंपनी पैसेफिक कैपिटल और चंदा कोचर के भाई की पत्नी के पास थे।
कंपनी बनाए जाने के करीब साल भर बाद ही जनवरी 2009 में वेणुगोपाल धूत ने NRPL कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने अपने लगभग 25 हजार शेयर दीपक कोचर को 2.5 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद NRPL को सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड से 64 करोड़ का लोन मिला, जो वेणुगोपाल धूत की ही कंपनी थी। मार्च 2010 के अंत तक अधिकतर शेयर सुप्रीम एनर्जी को ट्रांसफर कर दिए और सुप्रीम एनर्जी ने NRPL का ज्यादातर नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया। इसके बाद दीपक के पास कंपनी के सिर्फ 5 फीसदी शेयर ही बचे और करीब 94.99 फीसदी शेयर सुप्रीम एनर्जी के पास थे। इसके बाद आखिरी स्टेप बचा था, जो आईसीआईसीआई से लोन मिलने के बाद पूरा हुआ। लगभग 8 महीने बीतने के बाद सुप्रीम एनर्जी ने सारी होल्डिंग अपने सहयोगी महेश चंद्र पुंगलिया को दे दी। उसके दो साल बाद पुंगलिया ने सुप्रीम एनर्जी कंपनी में अपना सारा स्टेक महज 9 लाख रुपये में 29 सितंबर 2012 से 29 अप्रैल 2013 के बीच दीपक कोचर की पिनेकल एनर्जी को दे दिया। बता दें कि 2012 में ही आईसीआईसीआई की तरफ से वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था।