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मुंबई: दिवाली से पहले लोकल के चलने की संभावना नहीं, टूटने लगा है यात्रियों का सब्र!

मुंबई/विरार: मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनें आम लोगों के लिए करीब छह महीने से बंद हैं और इसके जल्द शुरू होने की उम्मीद भी नहीं है। ट्रेनों के इतने लंबे समय तक बंद रहने की वजह यात्रियों में नाराजगी बढ़ रही है और वे रेलवे स्टेशनों के बाहर प्रदर्शन भी करने लगे हैं। ट्रेनों में सफर की अनुमति की मांग को लेकर सोमवार को विरार रेलवे स्टेशन के बाहर करीब 300 लोगों ने प्रदर्शन किया।
कोरोना से पहले लोकल ट्रेन के जरिए दफ्तर जाने वाले लोग करीब 11 बजे विरार रेलवे स्ट्रेशन के बाहर जुटे और लोकल सर्विस शुरू करने की मांग की। प्रदर्शन करीब आधे घंटे चला जिसके बाद रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) ने भीड़ को तितर-बितर किया। इससे पहले 22 जुलाई को नालासोपारा में लोकल से प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्रियों ने प्रदर्शन करके लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति की मांग की थी। अभी लोकल ट्रेनों में केवल जरूरी सर्विस से जुड़े लोगों को यात्रा की छूट है।

प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़कर ट्रैक पर जा पहुंचे
हालांकि, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से रद्द सर्विस के दिवाली से पहले पूरी क्षमता से चालू होने की संभावना नहीं है। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए रेलवे सर्विस पर 22 मार्च को ही अस्थायी रोक लगा दी गई थी। जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए सीमित संख्या में ट्रेनों का परिचालन 15 जून को शुरू हुआ था।
एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने कहा, आम लोगों के लिए लोकल ट्रेन शुरू करने को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। अभी रेलवे स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक QR कोड बेस्ड सिस्टम की टेस्टिंग चल रही है। दिवाली से पहले पूरी क्षमता से ट्रेन सेवा शुरू होने की संभावना बेहद कम है।
ट्रेन सर्विस में देरी की वजह से यात्रियों में नाराजगी बढ़ रही है। ट्रेन सेवा शुरू नहीं होने पर प्रदर्शन की चेतावनी देने वाले पैंसेंजर असोसिएशन ने अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक अपनी बात पहुंचाई है।
मुंबई रेल प्रवासी संघ के अध्यक्ष मधु कोटियन ने कहा, हमने राज्यपाल से मुलाकात की जिन्होंने यह मुद्दा उठाने का आश्वासन दिया। राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई संवाद नहीं हुआ है। लोगों में गुस्सा है क्योंकि अनलॉक गाइडलाइंस के तहत शहर को खोला जा रहा है, लेकिन ट्रेन बंद है। यात्रियों के पास कोई साधन नहीं है। हमने अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम लोग पटरियों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।