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Mumbai: मां-बाप को देते थे पैसों का लालच; फिर तेलंगाना में बेचते थे बच्चे! क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा

मुंबई: मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट 2 ने जांच के जरिए छोटे बच्चों को बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। बच्चों को बेचने वाले इस गिरोह में एक होम्योपैथ डॉक्टर भी शामिल है। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी मुंबई के कई अस्पतालों में काम कर रहे हैं। पुलिस ने छोटे बच्चों को बेचने वाले गिरोह के 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों ने अब तक 14 छोटे बच्चों को बेचा है। पुलिस ने 2 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया है।

पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बच्चा चोर गिरोह के पकड़े जाने की जानकारी दी है। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह में एक डॉक्टर भी शामिल है, जिसकी एक क्लीनिक है। मुंबई के विक्रोली से एक बच्चे को रत्नागिरी में बेचा गया। वहीं, तेलंगाना में इन बच्चों की ज्यादा मांग है। उसी के हिसाब से बच्चों को बेचा जा रहा था।

आरोपियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड
सभी आरोपियों को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। ये गैंग कुल 14 बच्चे बेचे हैं, जिनमें से 11 लड़के हैं और 3 लड़कियां हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि बेचे गए बच्चों की उम्र कम से कम 5 दिन से लेकर अधिकतम 9 महीने तक है। पुलिस के इस खुलासे के बाद स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया है। क्योंकि गिरोह में शामिल डॉक्टर कई हॉस्पिटल में काम करता है ऐसे में पुलिस उन सभी हॉस्पिटल की जांच करने का मन बना रही है।

मुंबई पुलिस के अनुसार, इस गैंग ने ज्यादातर लड़कों को बेचा है। तेलंगाना और हैदराबाद जैसे इलाकों के लड़कों की मांग ज्यादा है। पुलिस के अनुसार, आरोपी बच्चों के माता-पिता को पैसों का लालच देते थे और उन्हें बच्चों को बेचने के लिए मजबूर करते थे। पुलिस ने कहा कि वह ऐसे माता-पिता के खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं जो कि अपने बच्चों को पैसे के लालच में बेच रहे थे।

क्राइम ब्रांच यूनिट 2 के अधिकारियों को सूचना मिली कि फर्टिलिटी सेंटर में एक गिरोह सक्रिय है जो निसंतान दंपतियों से संपर्क कर उन्हें बच्चे बेच रहा है और इस गिरोह में फर्टिलिटी सेंटर में काम करने वाले कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं। उस सूचना के आधार पर पुलिस ने न केवल नवजात शिशुओं को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया, बल्कि 5 महीने के एक बच्चे और दो साल की बच्ची को भी बचाया।

अधिकारियों को सूचना मिली कि शीतल वारे ने विक्रोली के कन्नमवारनगर में कांता पेडनेकर के 5 महीने के बच्चे को नवजात शिशुओं को बेचने वाले एक गिरोह को बेच दिया है, अपराध शाखा के अधिकारियों ने निगरानी रखी, शीतल वारे को ट्रैक किया और आखिरकार उसे उठा लिया। तब शीतल वारे ने जानकारी देते हुए बताया कि उसने गोवंडी के डॉक्टर संजय खंडारे और वंदना पवार की मदद से बच्चे को रत्नागिरी के गुहागर में रहने वाले संजय पवार और सविता पवार को 5 लाख रुपये में बेच दिया।

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने गुहागर जाकर बच्चे को छुड़ाया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में आरोपियों से आगे पूछताछ करने पर पता चला कि शीतल वारे ने अपने दो साथियों शरद देवार और स्नेहा सूर्यवंशी की मदद से एक और दो साल की बच्ची को ढाई लाख रुपये में बेच दिया था। लड़की लिलेंद्र शेट्टी की हिरासत में मिली थी।
पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपियों की पहचान वंदना पवार, शीतल वारे, स्नेहा सूर्यवंशी, डॉ. के रूप में की है। संजय खंडार, शरद देवार और उनकी मददगार नसीमा खान और लता सुखाड़े को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में पता चला कि इस गिरोह के सदस्य महाराष्ट्र समेत तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सक्रिय हैं। गिरोह ने कहा है कि उन्होंने कुछ अन्य बच्चों को भी बेचा है, इसलिए पुलिस आगे की जांच कर रही है।