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महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ शिवेसना तो बीजेपी का बिजली बिलों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ प्रदर्शन

मुंबई: आज पूरे महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच बिग फाइट होती हुई दिखाई दे रही है. शिवसेना पेट्रोल और डीजल के रोज बढ़ते हुए दामों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही है, तो बीजेपी बिजली बिलों में बढ़ोत्तरी को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही है.
बता दें कि देशभर में पेट्रोल का भाव 100 रुपए प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत नियंत्रण में है. फिर देश में पेट्रोल और डीजल के भाव क्यों आसमान छू रहे हैं? इस सवाल पर शिवसेना राज्यभर में मोर्चे निकाल रही है.
शिवसेना का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ने से महंगाई बढ़ रही है और इससे जनता में असंतोष है. वहीं बीजेपी का कहना है कि जनता को अत्यधिक बढ़े हुए बिजली बिलों से परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. इस वजह से बिजली बिल भरने में देर हो रही है तो नोटिस भेजा जा रहा है. बिजली बिल माफी के वादे से मुकरने वाली यह सरकार जनता की सरकार नहीं बल्कि मुगलई सरकार है. ऐसा कहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस समेत बीजेपी के सभी कार्यकर्ता और नेता आज राज्यभर में जन आक्रोश आंदोलन कर रहे हैं.

पूरे राज्य में 72 लाख लोगों के बिजली कनेक्शन कट करने के महावितरण (बिजली वितरण करने वाली कंपनी) के फैसले को तानाशाही वाला फैसला करार देते हुए बीजेपी ने इसके खिलाफ किए जा रहे आंदोलन को ‘ताला ठोको’ नाम दिया है. बीजेपी का कहना है कि ठाकरे सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए कोरोना काल में वादा किया था कि 100 यूनिट तक के बिजली बिल माफ कर दिए जाएंगे. बाद में उर्जां मंत्री का ये प्रस्ताव उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने ठुकरा दिया.
किसान और आम जनता वैसे ही परेशानियों के बोझ तले दबी हुई है और सरकार से राहत की अपेक्षा कर रही है. राहत की बजाए राज्य सरकार उन पर आफत बरसा रही है. 72 लाख लोगों का बिजली कनेक्शन कट होगा तो उसका असर करोड़ों लोगों पर पड़ेगा. अगर कोई जबर्दस्ती करेगा तो बीजेपी जोरदार विरोध करेगी. राज्य भर में ‘ताला ठोको’ आंदोलन इसी विरोध को दर्शाने के लिए हो रहा है. ऐसा बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है.

राजनीति का शिकार हो रही है आम जनता
महाराष्ट्र के उर्जा मंत्री नितिन राऊत कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं और उप मुख्यमंत्री अजित पवार का ताल्लुक शरद पवार की पार्टी एनसीपी से हैं. बीजेपी नेता और पूर्व उर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले कहते हैं कि बिजली बिल माफ करने की उर्जा मंत्री द्वारा भेजी हुई फाइल आगे सरकाई ही नहीं गई, क्योंकि उप मुख्यमंत्री को ये चिंता सता रही थी कि सारी शाबाशियां कांग्रेस को ना मिल जाए और इसी चक्कर में बिजली बिल माफ नहीं हो सका. जनता इस राजनीति का शिकार हो रही है.
उन्होंने कहा कि फडणवीस सरकार के समय एक भी किसान का बिजली कनेकशन नहीं काटा गया. अगर फडणवीस सरकार से कोई गलती हुई है तो राज्य सरकार सिद्ध करे और श्वेत पत्रिका निकाले. वो एनसीपी और कांग्रेस नेताओं के इस आरोप का जवाब दे रहे थे कि देवेंद्र फडणवीस के समय में राज्य का बिजली विभाग आर्थिक संकट में आया और फिर कोरोना संकट आ गया जिस वजह से आज ये हालात पैदा हुए.