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नाना पटोले बने महाराष्ट्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष, जानें-किसे मिली क्या जिम्मेदारी?

मुंबई: कांग्रेस हाईकमान ने महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व स्पीकर नाना पटोले को शुक्रवार को राज्य कांग्रेस इकाई का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। उन्होंने एक दिन पहले स्पीकर पद से इस्तीफा दिया था। महाराष्ट्र के भंडारा जिले के सकोली से विधायक पटोले को राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात की जगह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हाल ही में बालासाहेब थोरात की अध्यक्षता में कांग्रेस मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मिला था। पटोले ने दिल्ली में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। तभी से उनका नाम राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए चर्चा में था।

5 कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए
शिवाजी राव मोगे, बासवराज पाटिल, मोहम्मद आरिफ नसीम खान, कुणाल रोहिदास पाटिल, चंद्रकांत हंडोरे और प्रणति शिंदे को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। आरिफ नसीम खान महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और प्रणति पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की पुत्री हैं। इनके साथ ही 10 उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। संसदीय बोर्ड और आगामी निकाय चुनावों के लिए रणनीति, स्क्रीनिंग एवं समन्वय समिति का गठन भी किया गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले 56 वर्षीय पटोले को विदर्भ क्षेत्र के एक आक्रामक नेता के रूप में देखा जाता है। सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने एक गैर-मराठा नेता को प्रदेश इकाई की कमान सौंपने का फैसला किया और कुणबी समुदाय (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले पटोले इस पद के लिए नेतृत्व की पहली पसंद बने। पटोले किसानों के मुद्दों पर मुखर रहे हैं और किसानों के बीच उनका आधार पर भी माना जाता था। हालांकि, प्रदेश में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की मौजूदगी के बीच पार्टी को प्रभावशाली नेतृत्व प्रदान कर पाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है। पटोले भंडारा जिले के सकोली से कांग्रेस के तीन बार विधायक रहे। उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को भंडारा-गोंदिया सीट से हराया। साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कथित तौर पर मतभेद होने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्हें पार्टी की किसान इकाई ‘अखिल भारतीय किसान कांग्रेस’ का अध्यक्ष बनाया गया। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक बने। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनने के बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष तब बनाया गया जब महाराष्ट्र विकास आघाडी गठबंधन ने पिछले साल सरकार बनाई थी। बता दें कि कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सत्ता साझा करती है।

‘एक व्यक्ति एक पद’ की वजह से प्रदेश अध्यक्ष बदला
दरअसल, कांग्रेस ने ‘एक व्यक्ति एक पद’ की नीति को ध्यान में रखा है। यही वजह है कि प्रदेश इकाई में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ परामर्श किया गया। बालासाहेब थोरात महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष का पद इस वजह से आगे नहीं संभाल सकते थे कि वह राज्य की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में राजस्व मंत्री हैं और कांग्रेस विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी का भी निर्वहन कर रहे हैं।