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उद्धव की सरकार को खुली चुनौती- हिम्मत है तो मॉनसून से पहले चुनाव कराकर देख लें

परिवारवाद में परंपरा है, फकीर तो कभी भी झोला लेकर निकल जाएगा और जनता के हाथ में कटोरा दे जाएगा: उद्ध‌व

जलगांव: महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पाचोरा में आयोजित एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने पहली बार राजनीति में परिवार का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन पर टिप्पणी की। सभा में जलगांव पाचोरा के दिवंगत शिवसेना नेता आर.ओ तात्या पाटील की पुत्री वैशाली पाटील ने उद्धव ठाकरे के समर्थन में भावुक होकर भाषण दिया था। उसी का संदर्भ पकड़ते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा पाचोरा, जलगांव के विकास में पाटील घराने का बड़ा योगदान है। अब यह परंपरा पाटील की बेटी आगे बढ़ा रही हैं। इसलिए राजनीति में परिवार कभी-कभी अच्छा होता है, क्योंकि उनकी एक परंपरा होती है। वरना फकीरों का क्या है, फकीर झोला लेकर निकल जाएगा और जनता के हाथ में कटोरा दे जाएगा।
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अडाणी का नाम न लेते हुए यह सवाल उठाया कि देश की जनता गरीब और प्रधानमंत्री का करीबी मित्र विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अमीर कैसे बन जाता है?

गृहमंत्री अमित शाह से सीधा सवाल?
उद्धव ने कहा कि मैं अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि तुम विपक्ष के नेताओं के पीछे ईडी और सीबीआई लगा रहे हो। विपक्ष के नेताओं के सामने दो ही विकल्प रखते हैं या तो जेल जाएं या बीजेपी में शामिल हों। ऐसे में कुछ लोग ‘खोखो’ (पैसे) के लिए कुछ लाचारी में बीजेपी में चले जाते हैं। आप हमारे नेताओं पर हमला करते हैं। आप उन्हें भ्रष्टाचारी कहते हैं, लेकिन जब यह लोग बीजेपी में शामिल हो जाते हैं, तो क्या आप ‘गोमूत्र छिड़ककर’ उन्हें शुद्ध करते हैं? तुम्हारे साथ रहे तो पवित्र हमारे साथ रहें, तो भ्रष्ट! है कोई जवाब इस बात का?

हर कोई गुलाबो गैंग जैसा नहीं: उद्धव
शिंदे सरकार में जलगांव के पालकमंत्री गुलाबराव पाटील पर कटाक्ष करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि हर कोई ‘गुलाबो गैंग’ नहीं होता। कुछ संजय राउत जैसे भी होते हैं। जो जेल जाने के बाद भी झुकते नहीं हैं। उद्धव ने भरी सभा में अपने वफादार विधायकों नितिन देशमुख, राजन साल्वी, वैभव नाइक का नाम लेते हुए कहा कि चूंकि इन्होंने अपना ईमान नहीं बेचा इसलिए इनके पीछे केंद्रीय जांच एजेंसियों को लगा दिया गया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमें चुनौती क्या दे रहे हो, चुनौती के लिए मर्दानगी लगती है।

ये ‘गद्दार’ हमारी औलाद नहीं: उद्धव
सभा में उद्धव के वफादार शिवसैनिकों ने नारा लगाया, ‘कौन आया रे कौन आया गद्दारों का बाप आया’ इस पर उद्धव ठाकरे ने कटाक्ष करते हुए कहा- ‘ये गद्दार हमारी औलाद नहीं है।’ उन्होंने कहा, पीठ पर वार करने वाली तो छोड़ो मां की कोख पर वार करने वाली औलाद हमारी यानी ‘शिवसेना’ की हो ही नहीं सकती।’ उद्धव ने कहा कि जिन लोगों ने भगवे झंडे को कलंक लगाया है उन्हें हमेशा के लिए इसी मिट्टी में गाड दो।

हिम्मत है तो मॉनसून से पहले चुनाव कराकर देख लें: उद्धव
उद्ध‌व ठाकरे ने बीजेपी और राज्य सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर सरकार में हिम्मत है, तो वह मॉनसून से पहले चुनाव करा ले, हम चुनाव के लिए तैयार हैं। उद्ध‌व ने कहा, शिवसैनिकों ने जिन्हें चुना, वह ‘गद्दार’ शिवसेना छोड़कर गए हैं, लेकिन चुनकर देने वाले हाथ अभी तक हमारे साथ हैं।
बीजेपी को टारगेट करते हुए उद्धव ने कहा, लोग मुझसे पूछते हैं कि आपके सामने क्या चुनौती है? मैं उनसे कहता हूं कि मोदी-शाह की सरकार मेरे देश को जो नुकसान पहुंचा रही है, वही असली चुनौती है। मैं चुनौती देता हूं कि अगर है हिम्मत, तो बीजेपी मिंधे (शिंदे) के नेतृत्व में चुनाव लड़कर दिखाए।

‘मशाल’ के सहारे उतरूंगा’: उद्धव
उद्धव ने कहा,तुम मोदी की फोटो और हमारा चुराया चुनाव चिह्न धनुष-बाण लेकर चुनाव में उतरो और मैं केवल मेरे नाम ‘उद्ध‌व बालासाहेब ठाकरे’ और हमारे नए चुनाव चिह्न मशाल के सहारे चुनाव में उतरूंगा। देखते हैं जनता किसको चुनती है।

चुनाव आयोग की आंख में ‘मोतियाबिंद’: उद्धव
सभा में मौजूद भीड़ से उत्साहित उद्धव ने कहा,अगर पाकिस्तान में भी किसी से पूछो, तो वह बता देगा कि ‘शिवसेना’ किसकी है, लेकिन चुनाव आयोग की आंख में मोतियाबिंद हो गया है। इसीलिए उसे यह विराट जनसमर्थन दिखाई नहीं दे रहा। उद्धव ने कहा, चुनाव आयोग भले ही धृतराष्ट्र बन गया है, लेकिन यह छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है, यह सब कुछ खुली आंखों से देख रहा है। यूं ही नहीं हमारी सभाएं हाउसफुल हैं।

सभा से पहले जलगांव में तनाव
उद्ध‌व ठाकरे की यह सभा शिंदे सरकार में मंत्री गुलाबराव पाटील के इलाके में हुई। पाटील ने धमकी दी थी कि अगर उनके बारे में सभा में कुछ बोला गया, तो वह सभा में घुसकर उसे बर्बाद कर देंगे। मंत्री पाटील ने पथराव कर सभा को भंग करने की भी धमकी दी थी। इसके बाद पाटील के समर्थक उत्तेजित हो गए थे। इस धमकी पर उद्ध‌व गुट के प्रवक्ता संजय राउत ने मंत्री को सभा में घुसकर दिखाने पर 51 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था। इस तनाव के चलते बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती रही और उद्ध‌व ठाकरे की सभा बिना किसी गड़बड़ी के हो गई।