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उद्धव ठाकरे के बैग की तलाशी पर सुषमा अंधारे ने सरकार को घेरा, बोलीं- विपक्ष पर बनाया जा रहा ‘दबाव’

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे हेलीकॉप्टर से उतरे तो उनके बैग की तलाशी ली गई। इस घटना ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। दरअसल, उद्धव ठाकरे सोमवार को वणी में संजय देरकर के प्रचार अभियान के लिए आयोजित जनसभा के लिए यहां पहुंचे थे और हेलीपैड पर उतरते ही उनके बैग की जांच की गई। इस घटना ने शिवसेना (UBT) के भीतर गुस्सा और आक्रोश पैदा कर दिया।
यहां सभा में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने इस घटना की आलोचना की और चुनौती दी कि व्यवस्था को शासकों के बैग की जांच करने का साहस दिखाना चाहिए। इससे वणी में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

सोमवार को दोपहर एक बजे उद्धव ठाकरे वणी में महाविकास आघाडी के अधिकृत उम्मीदवार संजय देरकर के लिए प्रचार करने हेलीकॉप्टर से पहुंचे थे। वे यहां कृषि उपज बाजार समिति के परिसर में बने हेलीपैड पर उतरे। इस समय जब शिवसेना पदाधिकारी उद्धव ठाकरे का स्वागत कर रहे थे, तभी अचानक पुलिस और चुनाव विभाग की कुछ जांच टीम वहां घुस आई और कहा कि वे उद्धव ठाकरे और उनके साथ हेलीकॉप्टर से आए लोगों के बैग की जांच करना चाहते हैं। इससे हेलीपैड पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। उद्धव ठाकरे ने स्वयं जांच टीम से पूछा कि आप किसके कहने पर ऐसा कर रहे हैं? क्या आप सभी के बैग की जांच करते हैं? निरीक्षण दल ने यह कहते हुए बैग की जांच शुरू की कि यह उनका काम है। जांच के दौरान अधिकारी ने पीने के लिए रखे पानी के थर्मस बॉक्स को भी खोलकर चेक किया। उद्धव ठाकरे ने खुद इस पूरी घटना का विडियो बनाया और कहा कि इसे मैं रिलीज कर रहा हूँ। फिलहाल, इस जांच में दल को कुछ नहीं मिला। लेकिन इसके कारण वणी में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस तरह की बैग जांच लोकतांत्रिक नहीं मानी जाती। चुनाव के दौरान व्यवस्था को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के भी बैग की जांच करनी चाहिए या नहीं, इस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि शासकों के निर्देश पर ऐसा किया जा रहा है।

वहीँ, शिवसेना (UBT) की वरिष्ठ नेता सुषमा अंधारे ने इस घटना के खिलाफ तीखा बयान देते हुए मौजूदा सरकार और शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए।सुषमा अंधारे ने कहा, हम कानून का सम्मान करते हैं और हर जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं। लेकिन क्या मौजूदा सरकार की हिम्मत है कि वे एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, नरेंद्र मोदी या अमित शाह का बैग उसी तरह चेक करें जैसे उद्धव ठाकरे का किया गया? इस बयान से सत्ताधारी पक्ष के प्रति सवाल खड़े हो गए हैं और चुनावी राजनीति में एक नई बहस शुरू हो गई है।
इस घटनाक्रम के पीछे शिवसेना (UBT) का आरोप है कि सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है ताकि विपक्ष पर दबाव बनाया जा सके और उसे कमजोर किया जा सके। अंधारे ने अपने बयान में यह भी कहा कि रश्मि शुक्ला की बर्खास्तगी के बाद जो निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव की उम्मीद जगी थी, वह अब टूटती नजर आ रही है। उन्होंने कहा, यह सोचा गया था कि रश्मि शुक्ला के पद से हटने के बाद चुनाव निष्पक्ष होंगे, लेकिन इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि सरकारी तंत्र का इस्तेमाल फिर से चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए हो रहा है।
अंधारे ने स्पष्ट रूप से कहा कि सत्ता में बैठे गठबंधन द्वारा प्रशासनिक ताकत का इस्तेमाल लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर विपक्ष की छवि धूमिल करने और उसे कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। अंधारे का बयान ऐसे समय पर आया है जब महाराष्ट्र में चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है। इस बयान ने विपक्ष को सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने का नया मौका दे दिया है और चुनावी रणनीतियों में भी बदलाव की संभावनाएं बढ़ा दी हैं।