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उद्धव ठाकरे बोले- उत्तर भारतीयों के लिए हमारे घर का दरवाजा हमेशा खुला है…

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रमेश दुबे की आत्मकथा ‘मेरी अमृत यात्रा’ का विमोचन

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उत्तर भारतीयों को अपनी पार्टी में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा कि बीच में उत्तर भारतीय समाज और शिवसेना के बीच दरार पैदा हो गई थी, पर अब हम साथ-साथ हैं।
उत्तर भारतीयों के लिए हमारे घर का दरवाजा हमेशा खुला है। उत्तर भारतीय हमारे साथ आएं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उत्तर भारतीय मुंबई में आए और मेहनत कर अपनी अलग जगह बनाई और आज यह समाज मुंबई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। बांद्रा के उत्तर भारतीय संघ भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने ये बात कही।
रविवार को बांद्रा स्थित उत्तर भारतीय संघ भवन में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रमेश दुबे की आत्मकथा ‘मेरी अमृत यात्रा’ का विमोचन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथों किया गया।
इस मौके पर रमेश दुबे की तारीफ करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि रमेश जी जहां गए, वहां सभी के दिलों में रहे। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी अपनी खुशी से अपना घर नहीं छोड़ता। रोजी-रोटी की तलाश में उत्तर भारतीय मुंबई आए और अब इसे ही अपनी कर्म भूमि बना लिया है। उत्तर भारतीय हमारे साथ आएं।

अंधेरी उपचुनाव के नतीजों से उद्धव ठाकरे उत्साहित
अंधेरी उपचुनाव के नतीजे पर उद्धव ठाकरे ने कहा, अंधेरी उपचुनाव के नतीजे से हम उत्साहित हैं। अब पूर्व और वर्तमान विधायक दोनों मेरे साथ हैं। दुबे भी अंधेरी से विधायक रहे हैं। उद्धव ने कहा कि प्रधानमंत्री को हमने कभी महाराष्ट्र के हित में बात करते नहीं सुना, लेकिन अब वे कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में 2 लाख करोड़ का निवेश होगा, जब चुनाव आते हैं तभी इस तरह की घोषणाएं की जाती हैं।

वहीं, कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री असलम शेख ने कहा कि दुबे की आत्मकथा से हमें भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा, रमेश दुबे का जीवन संघर्षमय रहा है। तबेले में से निकल कर राजनीति में आए। बीते दिनों को याद करते हुए भुजबल ने कहा कि जनता पार्टी के जोर को देखकर बालासाहेब ने हमें नेता बना दिया। हमने रमेश दुबे के साथ रूस और अमेरिका की यात्रा की। हमें सिंडिकेट कहा जाता था। अलग-अलग पार्टी में होने के बावजूद हमारे बीच बहुत प्रेम था।

हमारे पूर्वजों ने मेहनत कर मुंबई में जगह बनाई
पूर्व मंत्री रमेश दुबे ने कहा कि सेवा के माध्यम से राजनीति में आया। निस्वार्थ भाव से काम करने को कोशिश की। हमारे पूर्वजों ने खूब मेहनत की और मेहनत के दम पर खुद को मुंबई जैसे महानगर में स्थापित किया।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री अनिल परब, चंद्रकांत त्रिपाठी, शिवसेना सचिव मिलिंद नार्वेकर, शिवसेना नेता सचिन अहिर, पूर्व विधायक योगेश मिश्रा, उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष संतोष सिंह, राजीव दुबे, किरण शर्मा, अशोक देसाई, रामबक्स सिंह, अनिल गलगली, रत्नेश सिंह सहित बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय समाज के गणमान्य लोग मौजूद रहे।

कौन हैं रमेश दुबे?
बता दें कि उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के रहने वाले रमेश दुबे 11 साल की उम्र में मुंबई आए थे और यहां तबेले में काम किया। साथ-साथ टैक्सी भी चलाई। 25 साल की उम्र में ही वे नगरसेवक चुन लिए गए। वे तीन बार मुंबई मनपा में नगरसेवक, बृहन्मुंबई महानगरपालिका में विपक्ष के नेता, दो बार विधायक, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री, आगे चलकर रमेश दुबे उत्तर प्रदेश से सांसद भी चुने गए।