दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य एक्शन मोड में पवार, CM उद्धव ठाकरे से एक हफ्ते में दूसरी बार मुलाकात! 31st May 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this शरद पवार और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो) मुंबई, (राजेश जायसवाल): राकांपा चीफ शरद पवार इस समय एक्शन मोड में हैं. ऐसा जान पड़ता है कि सत्ता का रिमोट कंट्रोल पवार के पास चला गया है. शनिवार रात शरद पवार ने एक बार फिर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ लंबी बैठक की. बैठक लगभग डेढ़ घंटे से ज्यादा चली और राज्य की मौजूदा राजनीतिक और कोरोना की स्थिति पर चर्चा की गई. हालांकि, राज्य में कोरोना के चलते बनी गंभीर स्थिति और राजनीतिक उठापटक की वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि अनुभवी शरद पवार सूबे की सियासत में फिर से अपना पावर दिखाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि सत्ता का रिमोट कंट्रोल एनसीपी के पास चला गया है. अब राज्य की राजनीति में पवार का पावर युग शुरू हो गया है.गौरतलब है कि शरद पवार ने ही राज्य में असंभव को संभव करने के लिए अपने सभी कौशल और अनुभव का इस्तेमाल किया और शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस सरकार को सत्ता में लाए. इसलिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कई बार खुले तौर पर कहा है कि शरद पवार उनके मार्गदर्शक हैं.एनसीपी मुखिया पवार ने स्पष्ट कर दिया था कि सलाह लेने पर ही वह सलाह देंगे लेकिन वर्तमान में कोरोना ने राज्य में एक अभूतपूर्व स्थिति पैदा कर दी है. यह स्पष्ट हो गया है कि महाविकास अघाड़ी में भी सब कुछ ठीक नहीं है. इसलिए कहा जा रहा है कि शरद पवार ने एक बार फिर अपने हाथों में सरकार का रिमोट थाम लिया है. ये सभी जानते है कि शुरुआत से ही एनसीपी ने महाविकास गठबंधन मे अपना वर्चस्व कायम रखा है. इसलिए कांग्रेस को हमेशा लगता है कि उसे अलग-थलग रखा जा रहा है. कहा ये जा रहा है कि एनसीपी अपनी सक्रियता दिखाकर सत्ता में अपना वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश कर रही है. यहां एनसीपी निर्णायक भूमिका में है. राज्य में कांग्रेस में बदलाव की संभावना है. निर्णय लेने की शक्ति राज्य में नहीं बल्कि दिल्ली में है. इसने राज्य के नेताओं की अप्रभावी होने की तस्वीर बनाई है.राजनीतिक पंडित अनुमान लगा रहे हैं कि शरद पवार इसका राजनीतिक लाभ उठाकर राज्य में एनसीपी की छवि को निखारने का प्रयास कर रहे हैं. महाराष्ट्र में महाविकास अगाड़ी के सत्ता में आने से ठीक पहले बगावत पर उतरे उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में रातों रात राजनीतिक भूकंप ला दिया था. शरद पवार ने इसे बहुत कुशलता से संभाला, और विद्रोह को कुचलते हुए अजीत पवार को घर वापसी कराये. इसलिए शरद पवार अब कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं हैं. कोरोना संकट के समय में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शरद पवार की सलाह ले रहे हैं. तभी तो यह कहा जाता है कि पवार एक तीर से कई शिकार करने में माहिर हैं. Post Views: 204