ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरवर्धाशहर और राज्य कर्मचारी का कर्ज चुकाने की मांग करना खुदकुशी के लिए उकसाना नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट 7th January 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this नागपुर: बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने फाइनेंस कंपनी के उस कर्मचारी के खिलाफ दर्ज एफआइआर रद कर दी है, जिस पर एक कर्जदार से कर्ज चुकाने की मांग करने पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था। हाईकोर्ट ने कहा कि यह कर्मचारी की ड्यूटी का हिस्सा था और यह नहीं कहा जा सकता कि उसने कर्जदार को जीवन खत्म करने के लिए उकसाया। उसका मकसद कर्जदार को आत्महत्या के लिए उकसाने या प्रेरित करने का नहीं था। जस्टिस विनय देशपांडे और जस्टिस अनिल किलोर की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता रोहित नलवाडे फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी होने के नाते कर्जदार प्रमोद चौहान से बकाया कर्ज की वसूली करने की कोशिश करके सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहा था।रोहित पर भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया था। प्रमोद चौहान ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि कर्ज चुकाने के लिए याचिकाकर्ता उनका उत्पीड़न कर रहा था। इस संबंध में आठ अगस्त, 2018 को महाराष्ट्र के वाशिम जिले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अभियोजन पक्ष ने हाईकोर्ट को बताया कि चौहान ने एक नया वाहन खरीदने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड से 6.21 लाख रुपये का कर्ज लिया था। समझौते के मुताबिक इस कर्ज का भुगतान चार साल में 17,800 रुपये की मासिक किस्तों को जरिये किया जाना था। चौहान जब कर्ज नहीं चुका सके तो उन्होंने आत्महत्या कर ली। जबकि चौहान ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि याचिकाकर्ता द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा था जो बार-बार उन्हें फोन करके कर्ज चुकाने के लिए कह रहा था।इधर, मोबाइल एप के जरिये तत्काल लोन देने वाले चीनी नागरिकों से जुड़े मामले में पुलिस ने और चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मोबाइल फोन सेवा प्रदान करने वाली कंपनी का एक कर्मचारी भी शामिल है। इन सभी लोगों को आरोपितों को एक हजार से अधिक सिम कार्ड मुहैया कराने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले पुलिस ने यहां एक व्यक्ति की शिकायत पर तत्काल लोन देने वाले एप संचालित करने के आरोप में दो चीनी नागरिकों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। Post Views: 235