दिल्लीनागपुरमहाराष्ट्रशहर और राज्य केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुग्राम में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के काम का लिया जायजा 16th September 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने परियोजना की स्थिति का आकलन करने और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों को सुधार के उपाय सुझाने के लिए गुरुवार को आठ-लेन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (एनएच-148एन) के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद लोग महज 12 घंटे में सड़क मार्ग से दिल्ली से मुंबई का सफर कर सकेंगे। फिलहाल, दिल्ली से मुंबई की दूरी सड़क मार्ग से करीब 1,510 किलोमीटर है। संचालन के बाद यह दूरी घटकर 1,380 किलोमीटर रह जाएगी। निरीक्षण के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री ने परियोजना का मॉडल भी देखा और एनएचएआई के अधिकारियों से चल रही परियोजना के बारे में जानकारी मांगी। गडकरी गुरुग्राम के लोहटकी गांव में निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे। देश का आठ लेन का यह सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे गुरुग्राम जिले के 11 गांवों, पलवल के 7 गांवों और मेवात जिले के 47 गांवों, हरियाणा के कुल 65 गांवों से होकर गुजरेगा। हरियाणा में इस राजमार्ग की कुल लंबाई लगभग 160 किलोमीटर होगी, जिसके निर्माण में लगभग 10,400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 160 किमी में से 120 किमी का निर्माण कार्य चल रहा है। पूरा प्रोजेक्ट मार्च 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि आठ लेन वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को भविष्य में बारह लेन तक बढ़ाया जा सकता है। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा कि एक बार यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में यातायात की भीड़ और प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करेगा। वहीँ सीएम खट्टर ने मीडियाकर्मियों से कहा, इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से हरियाणा में रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही, अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र आदि के साथ हरियाणा की कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेस-वे पांच राज्यों के अधिकांश सुदूर इलाकों से होकर गुजरेगा और क्षेत्रों को विकास की रफ्तार प्रदान करेगा। गडकरी ने कहा कि एक्सप्रेस-वे का काम जोरों पर है। एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ, दिल्ली-मुंबई के बीच की दूरी कम हो जाएगी और इससे ईंधन की भी बचत होगी। टोल इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से लिया जाएगा। साथ ही, एक्सप्रेसवे के निर्माण पर एनएचएआई द्वारा अतिरिक्त ध्यान रखा जा रहा है और कोई लापरवाही नहीं है। Post Views: 190