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शिंदे गुट में incoming जारी: BMC के कई पूर्व पार्षद शिवसेना में हुए शामिल! upcoming की सम्भावना बढ़ी

मुंबई, (राजेश जायसवाल): ‘कांग्रेस का हाथ सबके साथ’ के दावे को नकारते हुए शनिवार, 26 अगस्त की शाम बीएमसी के 7 पूर्व कांग्रेस नगरसेवकों ने एकनाथ शिंदे की ‘शिवसेना’ का दामन थाम लिया। सबसे दिलचस्प बात यह रही कि अधिकांश पूर्व नगरसेवक निवर्तमान मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड के निर्वाचन क्षेत्र धारावी इलाके से चुनकर आये थे। ये सभी नगरसेवक कांग्रेस का हाथ छोड़कर शिंदे के नेतृत्व वाली सेना में जाने का कारण उनके द्वारा किये जा विकासकार्यों से प्रभावित होना बता रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस के दो नगरसेवक और रांकपा के दो पूर्व नगरसेवक पहले ही एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थाम चुके हैं।

शनिवार को शिंदे गुट में शामिल हुए नगरसेवकों के नाम – वाजिद कुरेशी, बब्बु खान, पुष्पा कोळी, कुणाल माने, गंगा कुणाल माने, भास्कर शेट्टी है। सुनील मोरे और कमलेश राय, सुषमा राय पहले ही शिंदे खेमे में जा चुके हैं।

बीएमसी पार्षदों के अलावा, मुंबई के अणुशक्ति नगर से पूर्व शिवसेना (यूबीटी) विधायक तुकाराम काते और उनकी पुत्रवधू (पूर्व नगरसेविका) समृद्धि काते भी शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हुए। ये सभी मुख्यमंत्री शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हुए, जिन्होंने उनका पार्टी में स्वागत किया।

इस मौके पर तुकाराम काते ने कहा कि हम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र और मुंबई के परिवर्तन में योगदान देने के लिए शिवसेना में शामिल हुए हैं। तुकाराम काते और उनकी पुत्रवधू समृद्धि काते के साथ कई अन्य कार्यकर्ता भी शिवसेना में शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि शिवसेना से अलग होने के बाद मूल शिवसेना के मुखिया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कद बढ़ता जा रहा। पिछले साल जून से शिंदे गुट में शामिल होने वाले पूर्व नगरसेवकों की कुल संख्या अब सेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा को लेकर लगभग 23 हो गई है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक लंबे ट्वीट में इन सभी का स्वागत किया। उन्होंने लिखा – मुंबई के अणुशक्ति नगर प्रभाग में उभाटा समूह के पूर्व विधायक तुकाराम काते, वार्ड नंबर 146 की पूर्व नगरसेविका और सभा संयोजिका श्रीमती समृद्धि काते आज सार्वजनिक रूप से कई कार्यकर्ताओं के साथ शिवसेना पार्टी में शामिल हो गईं। इस मौके पर उनका पार्टी में स्वागत किया गया और उनके भावी सामाजिक एवं राजनीतिक करियर के लिए शुभकामनाएं दीं।
इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व नगरसेवक और सिद्धिविनायक ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी भास्कर शेट्टी, नगरसेविका श्रीमती पुष्पा कोली, पूर्व नगरसेविका श्रीमती गंगा कुणाल माने, पूर्व नगरसेवक वाजिद कुरेशी, पूर्व नगरसेवक बब्बू खान और पूर्व नगरसेवक कुणाल माने भी सार्वजनिक रूप से शिवसेना में शामिल हुए।

वर्षा गायकवाड के मनमाने रवैये से पार्टी में असंतोष
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि 9 अगस्त को अगस्त क्रांति मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले 150 से ज्यादा पदाधिकारियों को सीधे कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें कई जिलाध्यक्ष, वार्ड अध्यक्ष और विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्ष शामिल हैं। इस नोटिस को लेकर मुंबई कांग्रेस के पदाधिकारियों में काफी नाराजगी है और इसी के चलते कुछ पदाधिकारियों ने सीधे तौर पर पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने की पेशकश की है।
उन्होंने बताया कि हर साल 9 अगस्त को मुंबई कांग्रेस की ओर से अगस्त क्रांति मैदान में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, साथ ही तेजपाल हॉल में ध्वजारोहण का कार्यक्रम किया जाता है। इसी के तहत इस साल भी मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड की अध्यक्षता में क्रांतिकारियों के स्मारक पर वंदन कर उन्हें श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। साथ ही तेजपाल हॉल परिसर में ध्वजारोहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहां राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गई थी। इस कार्यक्रम में मुंबई कांग्रेस के सभी जिला अध्यक्षों, वार्ड अध्यक्षों, विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा इन कार्यक्रमों में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था। इसके लिए सभी को बाकायदा पत्र एवं व्हाट्सएप मैसेज एवं फोन के माध्यम से सूचित किया गया, लेकिन उसके बाद भी कई पदाधिकारी इस कार्यक्रम से नदारद रहे। जिसे लेकर मुंबई कांग्रेस ने कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले तक़रीबन 150 पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ के हस्ताक्षर के साथ भेजा गया है और उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में खुद और अपने जिले के कुछ नगरसेवकों, ब्लॉक अध्यक्षों और पदाधिकारियों की अनुपस्थिति की पुष्टि की है। हालांकि, इस नोटिस में लिखा है कि आप अपनी अनुपस्थिति पर समाधान करें। पदाधिकारियों को जारी किए गए इस नोटिस से मुंबई कांग्रेस में नाराजगी फैल गई है। सूत्रों से पता चला है कि इस नोटिस के खिलाफ कुछ पदाधिकारियों ने सीधे तौर पर पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।

कांग्रेस की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र प्रदेश कार्यकारिणी के कई पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था। इनमें से कई क्षेत्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसे लेकर कुछ पदाधिकारियों ने सवाल उठाया है कि सिर्फ मुंबई कांग्रेस के पदाधिकारियों को ही कारण बताओ नोटिस क्यों?

बता दें कि हर साल होने वाले इस कार्यक्रम में मुंबई कांग्रेस समेत राज्य के कई बड़े नेता शामिल होते हैं। हालांकि, इस साल इस कार्यक्रम में कई बड़े नेता शामिल नहीं हुए, लेकिन इनमें से किसी के भी ख़िलाफ़ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे मुंबई कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है और इस नाराजगी को दूर करना अब मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड के सामने एक बड़ी चुनौती साबित होती जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि जल्द ही कांग्रेस के कुछ और पूर्व वरिष्ठ नगरसेवक पार्टी छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना में जा सकते हैं। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने कहा कि कइयों को तो मनपा चुनाव में वर्षा गायकवाड के रहते टिकट नहीं मिलने का डर भी सता रहा है। जो अब पाला बदलने की तैयारी में जुटे हैं।