चुनावी हलचलदिल्लीमहाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य चुनाव आयोग ने अदालत से कहा, सोशल मीडिया पर लोगों की राजनीतिक टिप्पणियां, पोस्ट रोक नहीं सकते.. 11th January 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई , चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वह लोगों को मतदान से पहले 48 घंटे की समयावधि के दौरान किसी राजनीतिक दल के पक्ष या विपक्ष में सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणियां या पोस्ट करने से नहीं रोक सकता। आयोग ने अपने वकील प्रदीप राजगोपाल के जरिये सागर सूर्यवंशी नाम के अधिवक्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह जवाब दिया। याचिका में आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि नेताओं और निजी व्यक्तियों सहित सभी लोगों को मतदान से पहले के 48 घंटों के दौरान यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनीति या चुनाव या ‘पेड’ राजनीतिक सामग्री से संबंधित विज्ञापन डालने से रोका जाए।आयोग ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की पीठ से कहा कि नेताओं और राजनीतिक दलों को मतदान वाले दिन से पहले 48 घंटे के दौरान किसी भी तरह के राजनीतिक विज्ञापनों या प्रचार में शामिल होने पर रोक संबंधी नियम पहले से मौजूद हैं।अधिवक्ता राजगोपाल ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 मतदान से पहले 48 घंटे के दौरान सार्वजनिक सभाओं, जुलूस, प्रचार पर रोक लगाती है। उन्होंने अदालत से कहा कि मतदान से ठीक पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये ‘पेड’ राजनीतिक सामग्री और विज्ञापनों का प्रदर्शन भी कानून के तहत निषेध है और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी इन पाबंदियों में आते हैं।राजगोपाल ने कहा, अगर कोई व्यक्ति निजी तौर पर ब्लॉग या ट्विटर पोस्ट डालकर किसी राजनीतिक दल या इसकी नीतियों की प्रशंसा करता है तो चुनाव आयोग उसे कैसे रोक सकता है?याचिकाकर्ता के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने हालांकि पीठ से कहा कि फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों की ब्रिटेन और अमेरिका में विज्ञापन नीतियां हैं जहां सभी विज्ञापनों तथा ‘पेड’ सामग्री को कड़ाई से सत्यापन प्रक्रिया से गुजारा जाता है। उन्होंने दलील दी कि भारत में भी इसी तरह की नीति लागू होनी चाहिए। पीठ ने दोनों पक्षों को मतदान से पहले सोशल मीडिया पर ‘पेड’ राजनीतिक सामग्री के नियमन के तरीकों पर सुझाव देने का निर्देश दिया। Post Views: 167