उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य जानिए- गैंगेस्टर विकास दुबे के बाद कौन संभालना चाहता था उसके गैंग की कमान? 15th July 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this कानपुर: कानपुर एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात बदमाश विकास दुबे गैंग की कमान उसका साथी ही संभालना चाहता था। इस बात का खुलासा गिरफ्तार हुए विकास दुबे के मामा के बेटे शशिकांत पांडेय ने पुलिस पूछताछ में किया। शशिकांत ने बताया कि पनकी मुठभेड़ में मारा गया प्रभात मिश्रा अपने आका विकास दुबे की जगह लेना चाहता था। उसे किसी की जान लेने, खुलेआम फायरिंग करने में कोई हिचक नहीं होती थी। विकास की दबंगई से वह काफी प्रभावित था।शशिकांत के घर में डेयरी का काम होता है। वह आसपास के गांवों में दूध की सप्लाई करता था। विकास के संपर्क में आने के बाद से उसका अपने काम में दिमाग कम और दबंगई करने में ज्यादा लगने लगा था। डेयरी की आड़ में प्रभात ने तमंचा बनाना सीख लिया था। डेयरी में ही वह तमंचा बनाता था। विकास के लिए उसने पहले भी कई बार फायरिंग की थी। इससे वह बहुत जल्दी विकास दुबे के करीब आ गया था। सेल्फ लोड ऑटोमेटिक राइफल से की थी फायरिंगप्रभात मिश्रा इतनी तेजी से जरायम की दुनिया में उठ रहा था कि विकास दुबे ने सेल्फ लोड ऑटोमेटिक रायफल प्रभात के हाथ में थमा दी थी। घटना वाले दिन प्रभात ने इसी राइफल से फायर किए थे। कुछ पुलिसकर्मियों को उसने सीधी गोली मारी थी। घटना के बाद वह गांव से फरार हो गया था। पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि प्रभात सारे असलहा चला लेता था। तमंचे से लेकर ऑटोमेटिक राइफल, पिस्टल, रिवाल्वर। वह विकास दुबे के कहने पर कुछ भी कर सकता था। उसने कई बार इस बात का सार्वजनिक तौर पर इजहार किया था। बता दें कि प्रभात मिश्रा को 7 जुलाई की रात फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। यूपी पुलिस प्रभात मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी तभी बीच रास्ते में प्रभात ने पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की थी इसी दौरान प्रभात पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। …तो क्या प्रभात मिश्रा नाबालिग था?प्रभात मिश्रा की उम्र पर विवाद खड़ा हो गया है। पुलिस ने प्रेस नोट में प्रभात की उम्र 20 साल बताई थी, जबकि मंगलवार को उसके परिवार ने मार्कशीट और आधार कार्ड दिखाकर दावा किया कि प्रभात की उम्र 17 साल थी। प्रभात की बहन द्वारा दिखाई गयी उसकी हाईस्कूल परीक्षा यूपी बोर्ड-2018 की मार्कशीट में उसकी जन्मतिथि 27 मई 2004 लिखी है। उसमें उसका नाम कार्तिकेय पुत्र राजेंद्र कुमार दर्ज है। आधार कार्ड में उसका नाम कार्तिकेय पुत्र राजेंद्र कुमार, पता- ग्राम बिकरू पोस्ट कंजती जिला कानपुर नगर-209204 दर्ज है। बहन ने कहा कि उसके पिता कभी विकास दुबे के पास नहीं उठते-बैठते थे। बहन बोली मेरे परिवार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। भाई को तो पहले ही बिना गलती मार दिया। वह तो नाबालिग था? …तो एक भी असलहा लाइसेंस नहीं बचेगाबिकरू में जारी किये सभी 14 असलहों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। इसके लिए कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस की रिपोर्ट पर विकास दुबे के भाई, पूर्व जिला पंचायत सदस्य समेत 10 असलहा लाइसेंस धारकों को नोटिस भेजने की तैयारी है। इसके बाद लाइसेंस रद किया जाएगा। अभी चार की रिपोर्ट आनी बाकी है।प्रशासनिक छानबीन में बिकरू गांव में 14 असलहा लाइसेंस स्वीकृत मिले है। इनमें पुलिस की ओर से सभी लाइसेंस को निरस्त कराने की कवायद शुरू हो गई है। विकास दुबे के छोटे भाई दीपक दुबे, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रीता दुबे, छोटे लाल, नीरज कुमार, रामचंद्र, श्रीकांत शुक्ला, सतेंद्र कुमार, रवींद्र, रमेश चंद्र और राकेश कुमार की रिपोर्ट चौबेपुर पुलिस ने डीएम कोर्ट को दे दी है। डीएम ने बताया कि एसएसपी की ओर से निरस्तीकरण की रिपोर्ट भेजी गई है। जल्द ही इस पर कार्रवाई होगी। Post Views: 197