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तीरथ सिंह रावत बने उत्तराखंड के नए सीएम, पद संभालने के बाद पीएम मोदी ने यूं दी बधाई!

उत्तराखंड: तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए सीएम बने हैं. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. बुधवार को हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री चुना गया था. विधायक दल की बैठक के बाद उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा किया था.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद कई दिग्गजों के नामों पर चर्चा की जा रही थी. लेकिन बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना कर सभी को चौंका दिया है.

पीएम मोदी ने दी बधाई
शपथ लेने के बाद तीरथ सिंह रावत को बधाई देने वालों का तांता लग गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर उन्हें बधाई दी. पीएम मोदी ने लिखा- ‘उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर तीरथ सिंह रावत को बधाई. वह एक बड़ा प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव रखते हैं. मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में राज्य प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूता रहेगा.’

RSS प्रचारक रहे हैं रावत
तीरथ सिंह रावत बीजेपी संगठन के पुराने कार्यकर्ताओं में से एक हैं. 1983-1988 में वह RSS के प्रचारक रहे. वह उत्तराखंड में ABVP के संगठन मंत्री भी रहे हैं. बाद में वह ABVP के राष्ट्रीय मंत्री रहे. वह उत्तर प्रदेश छात्र संघ मोर्चा के उपाध्यक्ष रहे हैं. 2007 में तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री चुने गए. उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे. 2012 में चौबट्टाखाल विधानसभा से बीजेपी विधायक बने. 2013 में उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष बने और 2017 में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बने.

कभी कटा था MLA का टिकट!
बुधवार की सुबह जब सूरज पहाड़ों की ओट से निकलकर उत्तराखंड के आसमान में चमका तो उसके साथ राज्य की सियासत के फलक पर तीरथ सिंह रावत की किस्मत भी चमकी. जिस नेता को 2017 के विधानसभा चुनाव में विधायकी का टिकट नहीं मिला, उसके हाथ में अब पूरे राज्य की कमान है. उत्तराखंड में जब पिछली बार विधानसभा के चुनाव हुए थे तो पार्टी के भीतर अंदरुनी लड़ाई के चलते वो एमएलए का चुनाव नहीं लड़ पाए थे. राज्य में अगले साल फिर से विधानसभा के चुनाव होने हैं और उससे पहले राज्य की सत्ता तीरथ सिंह के हाथों में बीजेपी आलाकमान ने सौंपी है.
राज्य की सियासत में बड़ी हैसियत रखने वाले तीरथ सिंह हमेशा से ही मुख्यमंत्री का चेहरा रहे, लेकिन सियासी मजबूती नहीं मिलने की वजह से हमेशा वो डार्क हॉर्स की भूमिका मे रहे.
तीरथ सिंह गृह मंत्री व पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेहद करीबी रहे हैं. जब अमित शाह ने 2016-17 में विस्तारक यात्रा शुरू की थी और 120 दिन देश के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया था, तब तीरथ सिंह उनके साथ थे.

अमित शाह का साथ
2017 में जब उन्हें टिकट नहीं मिला था, तो शाह ने तीरथ सिंह को हिमाचल प्रदेश में बीजेपी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त कर दिया.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गढ़वाल से टिकट मिला और वो जीतकर संसद पहुंचे. गढ़वाल लोकसभा सीट वीआईपी सीट मानी जाती है, क्योंकि यहां से पूर्व सीएम बीसी खंडुरी चुनाव लड़ते रहे हैं.