उत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रशहर और राज्य …तो देश में 15 अप्रैल तक कोरोना के 8.2 लाख मामले होते: स्वास्थ्य मंत्रालय 11th April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 7,447 हो गए हैं। हालांकि, अगर समय रहते लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया गया होता तो देश में अब तक स्थिति बहुत विकट हो सकती थी।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन और कन्टेनमेंट बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर हमने इस तरह के कदम नहीं उठाए होते तो 15 अप्रैल तक देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या 8.2 लाख तक पहुंच चुकी होती!स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रटरी लव अग्रवाल ने बताया कि अगर देश में लॉकडाउन लागू नहीं किया गया होता तो कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 41 प्रतिशत बढ़ जाते। इस वजह से 15 तब अप्रैल तक देश में 8.2 लाख से ज्यादा मामले हो जाते।लव अग्रवाल ने बताया, भारत ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए ऐहतियाती कदम उठाए। हमने एक ग्रेडेड अप्रोच अपनाया। 2 राज्यों में और केंद्रीय स्तर पर देश में सिर्फ कोरोना वायरस से जुड़े मामलों के इलाज के लिए 587 अस्पताल हैं। देशभर में 1 लाख आइसोलेशन बेड और 11,500 आईसीयू बिस्तर कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। अग्रवाल ने बताया कि देश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 7,447 केस सामने आए हैं। अब तक 643 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1035 नए केस सामने आए हैं और 40 लोगों की मौत हुई है। अब तक देश में इससे 239 लोगों की जान जा चुकी है। तेज हुई टेस्टिंग की रफ्तार, शुक्रवार को 16,764 टेस्टभारत ने अब तेजी से कोरोना वायरस जांच की रफ्तार भी बढ़ाया है। गुरुवार को जहां 16,002 टेस्ट किए गए थे, वहीं शुक्रवार को 16,764 टेस्ट किए गए। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक देश में अब तक 1,71,718 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। जांच के काम में 146 सरकारी और 67 प्राइवेट लैब लगे हुए हैं। Post Views: 253