दिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य दिल्ली हिंसा: हेड कॉन्स्टेबल समेत 4 लोगों की मौत, गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली कमान 24th February 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में सोमवार को सीएए समर्थक और विरोधी गुटों में हुए हिंसक टकराव में हेड कॉन्स्टेबल और तीन आम नागरिक की मौत के बाद गृह मंत्रालय में देर शाम सचिव स्तर की बैठक हुई, जिसमें दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। इस बैठक के बाद गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी।रेड्डी ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को दिल्ली के सभी संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स के साथ खुफिया टीमों को अलर्ट मोड में रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने राजधानी में हो रही हिंसक घटनाओं पर मीडिया से बातचीत में कहा कि जानबूझकर लोगों को उकसाने की कोशिश हो रही है। लोकतांत्रिक तरीके से लोगों को अपनी भावनाओं को जाहिर करना चाहिए। विरोध के नाम पर पत्थरबाजी, आगजनी और पुलिसवाले की हत्या करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। सरकार उसको बर्दाश्त नहीं करेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के समय देश की छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है। गृह मंत्रालय हालात पर नजर रखे हुए है। गृह मंत्री शाह ने बुलाई आपात बैठकउधर, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में शुरू हुए उपद्रव को तुरंत काबू में करने के लिए उच्चस्तरीय मंथन शुरू हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमाम आला अधिकारियों को आपात बैठक में तलब किया। केंद्रीय गृह सचिव ए.के. भल्ला ने भी हालात पर कड़ी नजर रखे होने की बात कही है। उन्होंने हर हाल में शांति कायम करने के लिए की गई सभी जरूरी व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जताई। गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अहमदाबाद पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनके परिवार के स्वागत समारोह में व्यस्त थे। इसी बीच उन्हें दिल्ली के जाफराबाद, भजनपुरा, मौजपुर, दयालपुर, गोकुलपुरी इलाके में दंगे फैलने की खबर मिली। चूंकि अमेरिकी राष्ट्रपति को सोमवार रात में दिल्ली में ठहरना है। लिहाजा, राजधानी की छवि धूमिल होने से बचाने की जरूरत भी महसूस हुई। आनन-फानन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में बिगड़े हालात को काबू करने की जिम्मेदारी खुद अमित शाह ने अपने हाथों में ले ली है। उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानाकारी के मुताबिक, सोमवार को शाम ढलते केंद्रीय गृह मंत्री ने एक आपात बैठक बुलाई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला सहित दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को सख्त हिदायत दी गई कि किसी भी तरह से जल्दी से जल्दी हालात पर काबू पाएं।केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने देर शाम बताया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है। काफी हद तक स्थिति नियंत्रण में आ चुकी है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों को सतर्क रहने को कहा गया है। साथ ही अगर जरूरत महसूस हुई तो केंद्र सरकार अन्य कड़े कदम उठाने से भी नहीं चूकेगी। हमारा मकसद हर हाल में शांति कायम करना है। 9 इलाके छावनी में तब्दीलदिल्ली के उन संवेदनशील स्थानों पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की जा रही है जहां भीड़ के हिंसक होने की आशंका है। मौजपुर, जाफराबाद, सीलमपुर, गौतमपुरी, भजनपुरा, चांद बाग, मुस्तफाबाद, वजीराबाद और शिव विहार जैसे संवेदनशील स्थानों पर पुलिस तैनात की गई है। स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) सतीश गोलचा ने कहा कहा, हम कानून और व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी से अनुरोध कर रहे हैं कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने में दिल्ली पुलिस का समर्थन करने के लिए आगे आएं। हमारे अधिकारी शांति कायम करने के लिए पैदल मार्च और सभाएं कर रहे हैं। हेड कॉन्स्टेबल समेत 4 की मौतसूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, करावल नगर और भजनपुरा-गोकुलपुरी में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की भी अब नींद टूटी है। यह अलग बात है कि जब तक दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड़ में आई, तब तक उसका एक बेकसूर हवलदार रतन लाल भीड़ की भेंट चढ़ चुका था। इसके अलावा शाहदरा के डीसीपी अमित कुमार घायल हो गए। हिंसा में मोहम्मद फुरकान नामक शख्स और 2 अन्य आम आदमी की भी जान चली गई है। इस तरह कॉन्स्टेबल समेत 4 लोग भीड़ की भेंट चढ़ गए।उल्लेखनीय है कि शनिवार-रविवार से धीरे-धीरे फैली दंगों की आग ने सोमवार को विकराल रूप धारण कर लिया। सीएए के विरोध और पक्ष में जुटी भीड़ आमने-सामने आ गई। दोनों तरफ से जमकर पथराव और फायरिंग हुई। सोमवार को दोपहर बाद सीएए विरोधी भीड़ में से निकले एक युवक सीएए समर्थकों की भीड़ पर तमंचे से गोली चला दी, जिससे हड़कंप मच गया। गोली चलाने वाला युवक भीड़ का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गोली एक युवक के पांव में लगी है। उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आरोपी शख्स ने एक-दो नहीं बल्कि आठ राउंड गोलियां चलाईं। इस बीच पुलिस ने फायरिंग करने वाले शख्स की पहचान कर ली है। उसका नाम शाहरुख बताया जा रहा है। शख्स ने अचानक बंदूक निकालकर फायरिंग कर दी। पुलिस ने बताया कि इस शख्स का नाम शाहरूख है। उसने लाल रंग की टीशर्ट पहन रखी थी। इस शख्स का वीडियो भी सामने आया जिसमें वो पुलिस वाले के सामने बंदूक लेकर बढ़ता दिख रहा है। पुलिसवाले के रोकने के बावजूद वह वहां गोलियां चला देता है। हालांकि, उसे पकड़ा नहीं जा सका है, पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई।आरोपी शख्स शाहरुख ने 8 गोलियां चलाई थीं। बताया जा रहा कि यह शख्स सीएए के खिलाफ सड़क पर उतरा है। वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन के दौरान हिंसक तस्वीरें सामने आईं। भजनपुरा इलाके में सीएए के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने एक पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया और कई गाड़ियों में आगजनी की है। चांदबाग में भी पत्थरबाजी और फायरिंग की खबरें सामने आई हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली के कम से कम 10 जगहों पर हिंसा को देखते हुए धारा 144 लगाई गई है। दिल्ली पुलिस ने उपद्रवियों को दी चेतावनीदिल्ली में अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा पर पुलिस का बयान सामने आया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि मौजपुर, करदमपुरी, चांद बाग और दयालपुर इलाके में हिंसा हुई है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने दिल्ली के लोगों से शांति बरतने की अपील की है। लोगों को अफवाहों से बचने की सलाह भी दी गई है। इसके साथ ही पुलिस ने उपद्रवियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। दिल्ली हिंसा: गृह मंत्रालय को शक, डोनाल्ड ट्रंप के सामने भारत की छवि खराब करने की साजिशसोमवार सुबह से ही मीडिया में दो खबरें चल रही हैं। पहली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत में जोरदार और गर्मजोशी से स्वागत की और दूसरी देश की राजधानी दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट हिस्से में हिंसा की। अमेरिकी राष्ट्रपति का यह भारत दौरा कई मायनों में अलग है। पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई अमेरिकी राष्ट्रपति केवल भारत यात्रा पर आए हों। इससे पहले हर बार अमेरिकी राष्ट्रपति भारत यात्रा के दौरान पाकिस्तान भी जरूर जाते थे। पहली बार किसी देश के राष्ट्र प्रमुख का एक लाख से ज्यादा भारतीयों ने एक जगह एकत्र होकर स्वागत किया है। ऐसे ही कई बिंदु हैं जो इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा को अलग बनाते हैं। ऐसे खास मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में अचानक से हिंसा का फैलना कई सवाल खड़े करते हैं? 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