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नजर आ रही है मनी लांड्रिंग में नवाब मलिक की संलिप्तता: पीएमएलए कोर्ट

मुंबई: पीएमएलए की विशेष अदालत ने राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक को न्यायिक हिरासत में भेजने से जुड़े आदेश में साफ किया है कि मामले से जुड़े गवाहों के बयानों से प्रथम दृष्टया मंत्री नवाब मलिक की मनिलांड्रिग से जुड़े मामले में संलिप्तता नज़र आ रही है।
विशेष न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने सोमवार को मंत्री मलिक को 14 दिन न्यायिक हिरासत में भेजा था। उसका विस्तृत आदेश मंगलवार को उपलब्ध हुआ। जिसमें कोर्ट ने मलिक के मनीलांड्रिग से जुड़े मामले में प्रथम दृष्टया संलिप्तात दर्शाने की बात कही है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंत्री मलिक को 23 फरवरी 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी मलिक को पहले ईडी की हिरासत में भेजा था। ईडी की हिरासत अवधि खत्म होने के बाद कोर्ट ने मलिक को 21 मार्च 2022 तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा है। ईडी मलिक के खिलाफ मनी लांड्रिग व उसके माफिया सरगना दाऊद के साथ कथित संबंधों के आरोपों की जांच कर रही है।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि मामले को लेकर ईडी की जांच अभी आरंभिक स्तर पर है। आरोपी द्वारा आपराधिक कमार्ई की पहचान अभी सक्षम प्राधिकरण द्वारा किया जान बाकी है। चूंकि आरोपी ने उसे ईडी की हिरासत में भेजने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसे देखते हुए आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है। वहीं ईडी ने अपने हिरासत आवेदन में इस प्रकरण को एक संवेदनशील मामला बताया और दावा किया था कि इस मामले से संगठित आपराधिक क्षेत्र से मिले पैसों से आपराधिक कमाई की गई है। इस मामले का अंतराष्ट्रीय प्रभाव भी हो सकता है। हमारी जांच अभी शुरुआती दौर में है। ईडी के अधिकारी अभी यह पता लगाने में जुटे हैं कि मामले से हुई आपराधिक कमाई के लाभार्थियों में कौन-कौन शामिल है। आरोपी (मलिक) ने मामले की जांच के दौरान सहयोग नहीं किया है और बयान दर्ज कराते समय कई तथ्यों का खुलासा नहीं किया है। हिरासत आवेदन में ईडी ने कहा कि अब तक की जांच में जो सामग्री इकट्ठा की गई है। उसमें मनी लांड्रिंग के मामले में आरोपी की महत्वपूर्ण भूमिका नजर आ रही है।