दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़ नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, 34 साल पुराने मामले में एक साल सश्रम कैद की सजा 19th May 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this चंडीगढ़/नयी दिल्ली: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने ‘रोड रेज मामले’ में सिद्धू को एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनको एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। सिद्धू को जब सुप्रीम कोर्ट सजा सुना रहा था उस समय वह हाथी पर सवार होकर महंगाई के मुद्दे पर पटियाला में प्रदर्शन कर रहे थे। सजा पर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह कानून की महिमा के लिए खुद को प्रस्तुत करेंगे। इस ट्वीट से माना जा रहा है सिद्धू अदालत या पुलिस के समक्ष सरेंडर करेंगे। बता दें कि सिद्धू पर 34 साल पहले पटियाला में सड़क पर हुए विवाद में गुरनाम सिंह के साथ मारपीट करने का आरोप है। गुरनाम सिंह की अस्पताल में मौत हो गई थी। रोड रेज का यह मामला 27 दिसंबर,1988 का है। नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला में कार से जाते हुए गुरनाम सिंह नाम के एक बुजुर्ग से भिड़ गए थे। उन पर आरोप है कि सिद्धू ने गुस्से में उन्हें मुक्का मार दिया, जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। निचली अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू को सुबूतों के अभाव में 1999 में बरी कर दिया था, लेकिन पीड़ित पक्ष पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया। गुरनाम सिंह के सवजनों का आरोप था कि सिद्धू ने गुरनाम सिंह के सिर पर मुक्का मारा और गुरनाम सिंह को ब्रेन हेमरेज हो गया, जिससे उनकी मौत हो गई। 2006 में हाईकोर्ट ने सिद्धू को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वहां से उनको राहत मिली और सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया। इसके बाद गुरनाम सिंह के स्वजनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की। इसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने उनको एक साल जेल की सजा सुनाई है। 2006 में जब हाईकोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई थी, तब वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में थे और अमृतसर से सांसद थे। उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें दोबारा चुनाव लड़ना पड़ा और वह फिर से जीत गए थे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज न्याय किया है। पीड़ित परिवार कई वर्षों से न्याय मांग रहा था। गुरुवार को पटियाला में महंगाई के मुद्दे पर प्रदर्शन करते हुए नवजाेत सिंह सिद्धू… Post Views: 207