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फड़णवीस ने लिखी CM उद्धव ठाकरे को चिट्ठी, कहा-बीएमसी ने छिपाए कोरोना से मौत के आंकड़े!

मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण पर सियासती घमासान जारी है. सरकार जहां कोरोना संक्रमण पर उठाए जा रहे कदम गिना रही है वहीं नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़णवीस ने आंकड़ों के साथ सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में बीएमसी पर कोरोना से हुई मौतों को छिपाने का आरोप लगाया गया है. फड़णवीस ने कोरोना इंफेक्शन को लेकर बीएमसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. फड़णवीस का आरोप है कि शिवसेना शासित नगर निकाय कोविड-19 से हुई मौत के मामलों को कम करके बता रहा है और मुंबई में संक्रमण की दर से भी छेड़छाड़ कर रहा है. उन्होंने इस मामले को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी है. अपनी चिट्ठी को देवेंद्र फड़णवीस ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर भी किया है.

चिट्ठी में फड़णवीस ने क्या लिखा?
पूर्व सीएम फड़णवीस ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) कुछ कोविड-19 मरीजों की मौत के अन्य कारण बताकर संक्रमण से हुई मृत्यु के मामलों के आंकड़ों से छेड़छाड़ कर रहा है और इसे कम दिखा रहा है. फड़णवीस ने लिखा है कि अन्य कारणों से हुई मौत की श्रेणी में कुछ विशिष्ट मामलों को रखा जाता है, जैसे कि कोविड-19 रोगी का आत्महत्या कर लेना, दुर्घटना में मृत्यु, हत्या, ब्रेन डेड घोषित किया जाना या रोगी के कैंसर की चौथी स्टेज में पहुंच जाना. बीएमसी कोविड-19 से हुई कुछ मौतों को संदिग्ध तरीके से इसी श्रेणी में रख रही है.
फड़णवीस ने कहा है कि बीएमसी ने फरवरी से अप्रैल के बीच 683 कोविड-19 मरीजों की मौत के मामलों को ‘अन्य कारणों से हुई मौत’ की ‘संदिग्ध श्रेणी’ में रखा. उन्होंने दावा किया कि यह इस अवधि के दौरान हुई कुल 1,773 मौतों का 39.4 प्रतिशत है. पूर्व सीएम फड़णवीस ने अपने पत्र में लिखा है कि इसी अवधि के दौरान राज्य के बाकी हिस्सों में कम से कम 15,958 लोगों की मौत हुई, जिसमें से 199 यानि 0.7 प्रतिशत मौतों को ‘अन्य कारणों से हुई मौत’ बताया गया है. ऐसे में बीएमसी की आंकड़ों से की गई छेड़छाड़ दिखाई देती है.

कोरोना टेस्ट पर भी सवाल?
फड़णवीस ने आरोप लगाया कि बीएमसी ज्यादातर रैपिड एंटीजन टेस्ट पर निर्भर रहती है, जिससे भी आंकड़ों में छेड़छाड़ संभव है. शहर में एक दिन में 1 लाख आरटी-पीसीआर जांच करने की क्षमता है, लेकिन पिछले 10 दिन में इसका औसत 34,191 रहा है. इनमें से 30 प्रतिशत रैपिड एंटीजन जांच की गईं. फडणवीस ने कहा, कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद आरटी-पीसीआर क्षमता कम होने पर 30 प्रतिशत रैपिड-एंटीजेन जांच करने की सलाह देता है, वरना रैपिड-एंटीजेन जांचों की संख्या 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. क्योंकि इसी विश्वनीयता सिर्फ 50 फीसदी होती है और ये भ्रम पैदा करती है.

कांग्रेस ने फड़णवीस की चिट्ठी को कहा ‘ईर्ष्या’
फड़णवीस की चिट्ठी और उनके आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि यह बीएमसी के अच्छे काम के चलते पैदा हुई ईर्ष्या है, इसलिए देवेंद्र फड़णवीस ये आरोप लगा रहे हैं.
आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने महामारी की दूसरी लहर से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये हाल ही में बीएमसी की प्रशंसा की थी. जिसके बाद बीजेपी नेता की ओर से ये आरोप लगाए गए हैं.

मुंबई/महाराष्ट्र में कम हुए कोरोना वायरस के मामले
मुंबई में शनिवार को 2678 नए मामले सामने आए हैं. जबकि बीते एक दिन में 3608 लोग ठीक हुए हैं. वहीं पिछले 24 घंटे में 62 लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है. मुंबई में कुल मामलों की संख्या 6 लाख 74 हजार 072 हो गई है. वहीं अब तक मुंबई में 6 लाख 10 हजार 043 लोग ठीक हो चुके हैं. जबकि कोविड-19 के चलते अब तक 13, 749 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. फिलहाल मुंबई में एक्टिव मामलों की संख्या 48,484 हो गई है.
महाराष्ट्र में भी कोरोना मामलों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. राज्य में पिछले कुछ दिनों से लगातार मामलों में तेजी के बाद शनिवार को 50 लाख के पार मामले दर्ज किए है. महाराष्ट्र में शनिवार को 53,605 केस दर्ज किए गए जिसके बाद कुल मामलों की संख्या बढ़कर 50,53,336 हो गई है. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 864 लोगों की मौत हुई है.
राज्य में एक दिन में 82,266 मरीजों को इलाज के बाद घर भेजा गया. महाराष्ट्र में शुक्रवार को 54022 नए मामले सामने आए थे और 898 लोगों की मौत हुई थी.

वहीं महाराष्ट्र के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सख्त प्रतिबंध लागू किए हुए तीन सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अभी भी राज्य में संक्रमण के औसत मामलों की संख्या 50,000 से अधिक है, जो चिंता का विषय है. केंद्र सरकार का हवाला देते हुए, टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र के कुल 36 जिलों में से 12 में कोविड-19 मामले कम हुए हैं, लेकिन कुछ अन्य जिलों में मामले अधिक हैं.