Uncategorised बंगाल में शुभेंदु नेता प्रतिपक्ष बने प्रतिपक्ष बने, ममता के 43 मंत्रियों ने शपथ ली; असम में सरमा ने सीएम पद संभाला 10th May 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: बंगाल और असम में सोमवार को सियासत से जुड़ी 4 बड़ी घटनाएं हुईं। सबसे पहले असम में हिमंत बिस्व सरमा ने अपने कैबिनेट के 13 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री का पद संभाला। इसके बाद बंगाल में ममता के 43 मंत्रियों ने शपथ ली। इस बीच भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी को राज्य में पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया है। शुभेंदु अब बंगाल में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में होंगे। वहीं, देर शाम केंद्र सरकार ने बंगाल में अपने सभी 77 विधायकों को केंद्रीय सुरक्षा देने की घोषणा की है। दरअसल, चुनाव रिजल्ट के बाद भाजपा ने राज्य के कई जिलों से अपने कार्यकर्ताओं पर हमले और पलायन के साथ ही पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ का आराेप लगाया है। पार्टी का कहना है कि TMC के गुंडे भाजपा वर्कर्स और नेताओं पर हमला कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने भी एक वीडियो जारी कर TMC के लोगों के द्वारा हमले का आरोप लगाया था। हालात को देखते हुए भाजपा ने अपने विधायकों को केंद्रीय सुरक्षाबलों की सुरक्षा मुहैया कराने का ऐलान किया है। असम के 15वें CM बने सरमा वहीं, असम में भाजपा की चुनावी जीत के एक हफ्ते बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को राज्य के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभाल ली। उन्हें राज्यपाल जगदीश मुखी ने पद की शपथ दिलाई। सरमा के साथ कैबिनेट के 13 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इससे पहले रविवार को हिमंत को सर्वसम्मति से भाजपा और NDA विधायक दल का नेता चुना गया था। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए। राज्य में भाजपा सरकार के पहले मुख्यमंत्री रहे सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद रहे। बंगाल में 3 मंत्रियों ने ली वर्चुअल शपथ उधर, पश्चिम बंगाल में बंगाल सरकार के मंत्रिमंडल ने शपथ ली। इसमें कुल 43 मंत्री शामिल हैं। राजभवन में कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए सभी कैबिनेट मंत्रियों, स्वतंत्र प्रभार, राज्य मंत्रियों को शपथ दिलवाई गई। डॉ. अमित मित्र और ब्रात्य बसु समेत 3 मंत्रियों ने वर्चुअली शपथ ली। हालांकि विभाग के बंटवारे पर फैसला बाद में किया जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद रहीं। नंदीग्राम में ममता को हराने वाले शुभेंदु बने विधायक दल के नेता राज्य में पहली बार दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी BJP ने शुभेंदु अधिकारी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधायकों की बैठक के बाद सोमवार को इसकी घोषणा की। कभी TMC चीफ ममता बनर्जी के खास रहे शुभेंदु ने चुनाव में उन्हीं को 1900 वोटों से शिकस्त दी है। शुभेंदु ने चुनाव से पहले ही BJP ज्वॉइन की थी। ममता बनर्जी ने 5 मई को शपथ ली थी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में TMC ने 213 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की है। वहीं, भाजपा ने 77 सीटें हासिल कीं। तृणमूल चीफ ममता बनर्जी ने 5 मई को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। असम में इसलिए नेतृत्व में किया गया बदलाव: बिस्वा पूरे नॉर्थ-ईस्ट में काफी प्रभावी माने जाते हैं। सोनोवाल सरकार में उन्होंने फाइनेंस, प्लानिंग एंड डेवलपमेंट, हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, एजुकेशन और PWD जैसे अहम विभागों का जिम्मा संभाला था। केंद्रीय नेतृत्व के शीर्ष नेताओं से भी उनके अच्छे संबंध हैं। ऐसे में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बीजेपी पर बिस्वा को असम की कमान सौंपने का दबाव था। बिस्वा 2015 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। माना जाता है कि उस वक्त बिस्वा के पॉलिटिकल मैनेजमेंट स्किल्स से अमित शाह काफी प्रभावित हुए थे। नॉर्थ-ईस्ट में बीजेपी के विस्तार में भी बिस्वा की अहम भूमिका मानी जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमित शाह ने भी इस बात को माना था। बिस्वा नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक भी हैं। इस अलायंस का गठन क्षेत्रीय दलों को बीजेपी की अगुआई में लाने के लिए किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिस्वा की निगाहें भी हमेशा से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर थीं। असम में भाजपा+ ने जीती 75 सीटें असम में तीन चरणों में हुए चुनाव में भाजपा गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। यह आंकड़ा बहुमत से अधिक है। भाजपा की इस जीत ने असम में इतिहास रच दिया है, क्योंकि इससे पहले यहां 70 साल में कभी किसी गैर-कांग्रेसी पार्टी ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी नहीं की। सरमा ने एक लाख वोट से जीता चुनाव सोनोवाल ने कांग्रेस नेता राजिब लोचन पेगू को 43,192 वोट से हराकर माजुली में लगातार दूसरी बार जीत हासिल की। वहीं हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के रोमेन चंद्र बोरठाकुर को 1.01 लाख मतों के अंतर से हराकर जालुकबारी सीट पर कब्जा बरकरार रखा। सोनोवाल और सरमा के अलावा भाजपा के 13 अन्य मंत्री भी आसानी से अपनी सीट बरकरार रखने में कामयाब रहे। NRC-CAA से भाजपा को नुकसान नहीं इन नतीजों ने यह बता दिया है कि NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स और CAA यानी सिटिजन अमेंडमेंटशिप एक्ट का मुद्दा भाजपा को नुकसान नहीं पहुंचा पाया। यह दावा इसलिए भी पुख्ता हो जाता है, क्योंकि पिछली बार 12 सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता दिलाने में मदद करने वाला बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट इस बार कांग्रेस और लेफ्ट के साथ था। इसके बावजूद भाजपा को नुकसान नहीं हुआ। Post Views: 226