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बाबासाहेब के अनमोल और प्रेरणादायी कुछ खास विचार..

आज 14 अप्रैल को हम सब देश के संविधान निर्माता ‘भारत रत्न’ बाबासाहेब डाॅ भीमराव आंबेडकर की जयंती मना रहे हैं। गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले बाबासाहेब का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू के एक गांव में हुआ था। उस दौर में उन्हें आर्थिक और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। बेहद विषम परिस्थितियों में पढ़ाई करने वाले बाबासाहेब ने स्कूल में भी भेदभाव का सामना किया।
बाबासाहेब के जीवन का संघर्ष और सफलता की कहानी हम सभी के लिए अतुल्य प्रेरणा है। उनके क्रांतिकारी विचार महिलाओं को पुरुषों के बराबर, अल्पसंख्यकों और गरीबों को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित करते हैं।
जानें- बाबासाहेब के अनमोल और प्रेरणादायी कुछ खास विचार..
➡️ मंदिर जाने वाले लोगों की लंबी कतारें, जिस दिन पुस्तकालय की ओर बढ़ेगी, उस दिन मेरे इस देश को महाशक्ति बनने से कोई रोक नही सकता है: बाबासाहेब
➡️ सफलता कभी भी पक्की नहीं होती है और असफलता भी कभी अंतिम नहीं होती है, इसलिए अपनी कोशिश को तब तक जारी रखो तब तक आपकी जीत इतिहास ना बन जाए: बाबासाहेब
➡️ यदि सपने सच नहीं हो रहे हैं तो रास्ते बदलो…सिद्धांत नहीं, क्योंकि पेड़ हमेशा पत्तियां बदलते हैं जड़ें नहीं: बाबासाहेब
➡️ एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अलग है, क्योंकि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता है: बाबासाहेब
➡️ गुलाम बनकर जिओगे तो ये दुनिया कुत्ता समझकर लात मारेगी और नवाब बनकर जिओगे तो ये दुनिया शेर समझ कर सलाम ठोकेगी: बाबासाहेब
➡️ जो समुदाय अपना इतिहास भूल जाते हैं, वह कभी इतिहास नहीं बना पाते हैं: बाबासाहेब
➡️ बकरे की बलि दी जाती है लेकिन शेर की बलि करने की ताकत किसी में नहीं, इसलिए आप शेर बनो। शेर की तरह अपने अधिकारों के लिए गरजते रहे: बाबासाहेब
➡️ जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते हैं, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिए बेईमानी है: बाबासाहेब
➡️ मनुष्य नश्वर है। उसी तरह विचार भी नश्वर है। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरुरत होती है जैसे- पौधे को पानी की, नहीं तो दोनों मुरझा कर मर जाते हैं: बाबासाहेब
➡️ मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है: बाबासाहेब
➡️ शिक्षा जितनी पुरूषों के लिए आवश्यक है, उतनी ही महिलाओं के लिए भी है: बाबासाहेब
➡️ कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर दी जानी चाहिए: बाबासाहेब
➡️ बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए: बाबासाहेब
➡️ इतिहास को भूलने वाले इतिहास नहीं बना सकते: बाबासाहेब
➡️ धर्म मनुष्य के लिए है और मनुष्य धर्म के लिए नहीं है: बाबासाहेब
➡️ मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है: बाबासाहेब