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बीएमसी में कांग्रेस और राकांपा को रास नहीं आ रहा शिवसेना का तानाशाही रवैया, सभी सीटों पर मनपा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

मुंबई: महाराष्ट्र की सत्ता साथ-साथ संभालने वाली शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा मुंबई महानगरपालिका में तालमेल नहीं बैठा पा रही हैं। बीएमसी में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस, राकांपा एवं सपा जैसे दलों को शिवसेना का तानाशाही रवैया बिल्कुल रास नहीं आ रहा है।

शिवसेना यूपीए का हिस्सा नहीं, गठबंधन केवल महाराष्ट्र तक सीमित
राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कमी बताने वाली शिवसेना को जवाब दिया है। चव्हाण ने कहा कि शिवसेना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का शिवसेना के साथ गठबंधन केवल महाराष्ट्र तक सीमित है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना का गठजोड़ न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर हुआ है। चव्हाण ने कहा कि शिवसेना अभी तक यूपीए में घटक दल के रूप में शामिल नहीं हुई है। इसलिए शिवसेना का यूपीए के अध्यक्ष पद को लेकर टिप्पणी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपीए के घटक दलों ने मिलकर कांग्रेस की अंतिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर विश्वास करके उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी दी है। ऐसे में अब यूपीए के अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा करने का कोई मुद्दा ही नहीं है। चव्हाण ने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी स्वयं यूपीए के अध्यक्ष पद के अटकलों को खारिज कर दिया है। इससे पहले शनिवार को शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना में कांग्रेस नेता राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए यूपीए का अध्यक्ष पवार को बनाने वकालत की थी। शिवेसना ने कहा था कि राहुल में नेतृत्व की कमी है।

बीएमसी चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
सोमवार को कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मुंबई के नए कांग्रेस अध्यक्ष अशोक अर्जुन राव जगताप (भाई जगताप) ने यह प्रस्ताव पारित किया कि एक साल बाद होने वाले बीएमसी चुनाव में कांग्रेस सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मंगलवार को विपक्षी दलों ने बीएमसी को मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास वर्षा से चलाए जाने का आरोप लगाया है। उनका कहना कि मुख्यमंत्री के बंगले पर ही बीएमसी आयुक्त का एक स्थायी कार्यालय बना देना चाहिए।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही बीएमसी में नेता विपक्ष की भूमिका निभा रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवि राजा ने कहा था कि भाजपा को सत्ता से दूर रखना ही हमारा मुख्य लक्ष्य है, लेकिन अब शिवसेना के रुख से नाराज़ रवि राजा कहते हैं कि हम जब भी सत्तापक्ष से किसी मुद्दे पर बात करने की कोशिश करते हैं, हमसे कहा जाता है कि आदेश ऊपर से (मुख्यमंत्री आवास से) आ चुका है। वे हमसे किसी जनसमस्या पर चर्चा करना ही नहीं चाहते।

समाजवादी पार्टी भी बीएमसी में शिवसेना से खुश नहीं
राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार को समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी (सपा) भी बीएमसी में शिवसेना से खुश नहीं है। सपा नेता रईस शेख का आरोप है कि बीएमसी आयुक्त के पास उनसे मिलने का समय नहीं है। वह हमेशा मुख्यमंत्री के बंगले पर ही रहते हैं। उनके लिए मुख्यमंत्री निवास पर ही एक कार्यालय बना देना चाहिए।
राज्य की सत्ता में कांग्रेस, राकांपा एवं शिवसेना भले साथ-साथ हों, लेकिन होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में उनका साथ रह पाना मुश्किल होगा, क्योंकि शिवसेना पिछले 35 वर्षो से कांग्रेस-राकांपा के विरुद्ध ही राजनीति करती आ रही है। अब राज्य की सत्ता में इन दलों के साथ आने के बाद सबसे असहज स्थिति इन दलों के स्थानीय कार्यकर्ताओं के लिए पैदा हो गई है। कोई अपनी सीट छोड़कर दूसरे को नहीं देना चाहता। जबकि दो साल के अंदर ही राज्य के 10 बड़े स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं। इनमें मुंबई महानगरपालिका भी एक है। जहां 1997 तक कांग्रेस काबिज रही। उसके बाद से लगातार शिवसेना जीतती आ रही है।

सप्रा बने कार्यकारी अध्यक्ष
मुंबई कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष चरण सिंह सप्रा को बनाया गया है। अपनी मृदुभाषी स्वभाव के कारण सप्रा लोगों के बीच में अच्छी पैठ रखते हैं। वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री आरिफ नसीम खान को चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाया गया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी किए गए पत्र में सभी नियुक्तियों का जिक्र है और इन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रजामंदी के बाद फाइनल किया गया है।

मिलिंद देवड़ा के करीबी हैं जगताप
भाई जगताप को मिलिंद देवड़ा का करीबी माना जाता है। मिलिंद देवड़ा केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं और मुंबई कांग्रेस की कमान भी संभाल चुके हैं। भाई जगताप विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं और फिलहाल विधान परिषद के सदस्य हैं। जबकि सरदार अमरजीत सिंह मनहास को मुंबई कांग्रेस की समन्वय समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है। इसके अलावा पूर्व मंत्री सुरेश शेट्टी को घोषणा पत्र एवं प्रचार समिति का कार्यभार सौंपा गया है। साथ ही साथ ही पूर्व मंत्री चंद्रकांत हंडोरे को महाराष्ट्र इकाई की तरफ से मुंबई इकाई का प्रमुख नियुक्त किया गया है।