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बुजुर्ग कंपनी मालिकों को लगाया 14 करोड़ रुपए का चूना, फर्जी हस्ताक्षर कर हड़पा हिस्सा, जमीन भी बेची! गिरफ्तार

मुंबई: पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पिंपरी-चिंचवड के कारोबारी रविराज ताकवणे को करीब 14 करोड़ रुपए की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ताकवडे ने पिंपरी-चिंचवड के एमआईडीसी इलाके में स्थित सरदेसाई एंड कंपनी के हिस्सेदारों से जमीन लीज पर लेने के नाम पर एमओयू पर हस्ताक्षर किए, लेकिन इसके बाद सिर्फ कुछ लाख रुपए कंपनी के हिस्सेदारों को दिए गए, जबकि फर्जी तरीके से कंपनी की 27 एकड़ जमीन का बड़ा हिस्सा दूसरे लोगों को सबलीज पर देकर उनसे करीब 9 करोड़ रुपए ले लिए। मामले में श्रीप्रकाश सरदेसाई नाम के 72 वर्षीय बुजुर्ग ने मुंबई के मलाबार हिल पुलिस स्टेशन में ताकवडे और दूसरे आरोपियों के खिलाफ ठगी के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसे आगे की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। गिरफ्तार ताकवणे सिद्धेश्वर इंडस्ट्रीज के मालिक हैं और राकांपा की पूर्व नगरसेविका के बेटे हैं। राज्य के कई इलाकों में उनका कारोबार फैला हुआ है।
श्रीप्रकाश के वकील अखिलेश चौबे ने बताया कि यह कंपनी विनय कुमार सरदेसाई ने एक हिस्सेदार के साथ शुरू की थी। उनकी मौत के बाद उनके दो बेटों और बेटी को कंपनी का 20-20 फीसदी हिस्सा मिला, जबकि जयंत अदवंत नाम के हिस्सेदार के पास 40 फीसदी हिस्सा था। उम्र ज्यादा हो जाने और बच्चों के विदेश में होने के चलते सरदेसाई परिवार ने कारोबार में रुचि नहीं दिखाई और उन्होंने कंपनी सबलीज पर देने का फैसला किया। इसके लिए तावकडे ने 27 एकड़ जमीन का सौदा 14 करोड़ 50 लाख रुपए में तय किया। पिछले साल मई महीने में एमओयू पर हस्ताक्षर हुए, जिसके मुताबिक ताकवडे को 150 दिनों में सात किश्तों में कंपनी के पुराने मालिकों को पैसे चुकाने थे। समझौते के बाद तावकडे को पॉवर ऑफ अटॉर्नी दे दी गई। लेकिन तावकडे ने सिर्फ 59 लाख रुपए चुकाए। इसी बीच सरदेसाई परिवार को पता चला कि कंपनी की कुछ जमीन प्लॉट बनाकर दूसरे लोगों को बेच दी गई, यही नहीं सरदेसाई के फर्जी हस्ताक्षर कर उनकी 20 फीसदी हिस्सेदारी भी ताकवणे ने अपने नाम कर ली। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई।