ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की राणा दंपती की जमानत याचिका 25th April 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र में ‘हनुमान चालीसा विवाद’ को लेकर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजी गई अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि मुझे 23 अप्रैल 2022 को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां मुझे दलित होने की सजा मिली। मैं पूरी रात बिना पानी के ही रही। उन्होंने आगे लिखा कि मैं रातभर पुलिसवालों से पानी मांगती रही लेकिन उन्होंने नहीं दिया। मुझे तब बहुत हैरानी हुई जब एक पुलिसकर्मी ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति से हूं, इसलिए मुझे ग्लास में पानी नहीं देंगे। दलित होने की सजा मिली नवनीत राणा ने पत्र में आगे लिखा है कि उनकी जाति को लेकर उन्हें थाने में गाली दी गई। पानी बुनियादी चीज है लेकिन वह भी नहीं दिया गया। उन्होंने आगे लिखा- मेरा विश्वास है कि राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना अपने हिंदुत्व सिद्धांतों से भटक गई है। शिवसेना के इसी हिंदुत्व को जगाने मैं मुख्यमंत्री के आवास पर ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ने के लिए जाने वाली थी। मेरा किसी भी धार्मिक विवाद को भड़काने का कोई उद्देश्य नहीं था। मैं और मेरे पति घर में थे नवनीत राणा ने कहा कि मैंने सीएम को भी ‘हनुमान चालीसा’ के पाठ करने के लिए आमंत्रित किया था। उनके खिलाफ हमारी गतिविधि नहीं थी। लेकिन जब हमें लगा कि इससे कानून-व्यवस्था को परेशानी हो सकती है तो हमने इस फैसला वापस ले लिया और मैं और मेरे पति ने हनुमान चालीसा पढ़ने की जिद छोड़ दी और अपने घर में ही थी। तभी शिवसैनिक वहां पहुंच गए और हंगामा करने लगे। क्या है पूरा मामला? दरअसल, लाउडस्पीकर विवाद के बाद सांसद नवनीत राणा ने ऐलान किया था कि वह सीएम उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगी। इसके लिए शनिवार सुबह 9 बजे का वक्त दिया गया था। बाद में उन्होंने अपना यह फैसला बदल दिया। इस बीच शनिवार को बड़ी संख्या में शिवसैनिक उनके खार स्थित उनके घर के बाहर पहुंच गए। इसके बाद शाम होते-होते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। नवनीत राणा को जेल में एक अलग बैरक में रखा गया है। उस बैरक में उनके साथ दूसरा कोई भी कैदी नहीं है। जानकारी के मुताबिक, रात में नवनीत राणा का ब्लड प्रेशर लो हुआ था। जिसकी वजह से उन्हें जेल में मौजूद अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालांकि, अब उनकी तबीयत ठीक बताई जा रही है। हाईकोर्ट ने राणा दंपती की जमानत याचिका खारिज की अब सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को बॉम्बे हाईकोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने राणा दंपती की जमानत याचिका खारिज करते हुए दोनों को जमकर लताड़ लगाई है। कोर्ट ने कहा कि किसी के घर के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ना किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है। राणा दंपत्ति की वजह से लॉ एंड आर्डर की समस्या पैदा हो गयी थी। पुलिस की इस बात में तथ्य है। याचिकाकर्ता (राणा दंपत्ति) एक जन प्रतिनिधि हैं इसलिए उनकी जवाबदारी भी बड़ी है। बड़ा पद बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। यह सबको पता है। इसलिए ऐसे लोगों को कुछ भी जिम्मेदारी की भावना से बोलना चाहिए। इतनी अपेक्षा की जाती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि दूसरी एफआईआर साफ बताती है कि दोनों पुलिस को उनके काम में सहयोग नहीं कर रहे थे। ये लॉ अबैडिंग सिटिज़न हैं और इस वजह से उन्हें पुलिस को सहयोग करना चाहिए था पर नहीं किया। इस तरह से करना ब्रिच ऑफ़ लिबर्टी ऑफ़ अदर पर्सन राज्य सरकार ने यह बताया है कि इस तरह के किसी भी कृत्य की वजह से लॉ एंड ऑर्डर पर इसका असर पड़ सकता है। इससे पहले राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने कहा कि रवि राणा और नवनीत राणा के खिलाफ हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर केस हुआ है और दोनों लोग इस समय जेल में हैं। उन्होंने कहा कि जब 124A और 153A मामला दर्ज किया गया है तो 353 क्यों लगाया गया है? Post Views: 270