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भीम राजभर बने उत्तर प्रदेश के नये बसपा अध्यक्ष, पूर्व सांसद मुनकाद अली हटाए गए

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा उप चुनाव में मिली करारी हार और मिशन 2022 को देखते हुए संगठन में फेरबदल शुरू कर दिया है। उन्होंने अति पिछड़े भीम राजभर को बसपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। प्रदेश अध्यक्ष रहे मुनकाद अली को हटा दिया गया है। मुनकाद अली को पिछले साल अगस्त में उप्र इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और हाल ही में हुए उपचुनाव में पार्टी द्वारा एक भी सीट न जीत पाने के कारण उन्हें हटाया गया है। मुनकाद को राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने की चर्चा है, लेकिन इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है। इसके साथ ही लखनऊ मंडल संगठन में फेरदबल किया गया है। लखनऊ के जिलाध्यक्ष एचके गौतम को हटा दिया गया है।
बसपा सुप्रीमो इन दिनों दिल्ली में हैं। वह यूपी में सात सीटों पर हुए विधानसभा उप चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा कर रही हैं। भाजपा से नाराज मुस्लिमों को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी। मुनकाद पश्चिमी यूपी से हैं। मायावती ने उन्हें कई सेक्टरों की जिम्मेदारी दे रखी थी, लेकिन समीक्षा के दौरान पाया गया कि विधानसभा उप चुनाव में मुनकाद अली अपेक्षाकृत मुस्लमानों को पार्टी के साथ नहीं जोड़ पाए। इसके चलते उन्हें पार्टी से हटा दिया गया है। मायावती ने अति पिछड़े वर्ग से आने वाले भीम राजभर को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी है। भीम राजभर मऊ के रहने वाले हैं। उन्हें पार्टी संगठन में पहली बार इतनी बड़ी जिम्मेदारी देकर मायावती ने यह संदेश दिया है कि मिशन 2022 में वह पिछड़ों को साथ लेकर आगे बढ़ेंगी। मायावती ने ट्वीट कर नए प्रदेश अध्यक्ष को बधाई दी है।
बसपा में इसके साथ ही लखनऊ मंडल संगठन में भी व्यापक फेरबदल किया गया है। लखनऊ मंडल का मुख्य सेक्टर प्रभारी डा. अशोक सिद्धार्थ को बनाया गया है। भीमराव अंबेडकर, डा. रामकुमार कुरील, डा. विनोद भारती, रामनाथ रावत व विनय कश्यप उनके साथ लगाए गए हैं। लखनऊ का नया जिलाध्यक्ष अखिलेश अंबेडकर को बनाया गया है। उन्नाव मिथलेश कुमार पंकज, रायरबेली बाल कुमार गौतम, हरदोई सुरेश चौधरी, लखीमपुर खीरी प्रमोद चौधरी और सीतापुर का जिलाध्यक्ष विनोद कुमार गौतम को बनाया गया है।

वहीं हाल के उपचुनावों में देवरिया से बसपा के उम्मीदवार अभय नाथ त्रिपाठी ने रविवार को पार्टी छोड़ दी। साथ ही आरोप लगाया कि बसपा गलत नीतियों पर चल रही है और उन्होंने पार्टी के समन्वयकों पर मानसिक और आर्थिक रूप से उनका शोषण करने का आरोप भी लगाया है।