दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य ममता बनर्जी की जीत से गदगद शरद पवार सभी विपक्षी दलों को करेंगे एकजुट! 4th May 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: पश्चिम बंगाल में बीजेपी के सत्ता से वंचित रहने से उत्साहित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार एक बार फिर सभी विपक्ष दलों को एकजुट करने में जुटेंगे। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार विपक्षी दलों और खास तौर पर क्षेत्रीय दलों का एकीकृत मोर्चा बनाने का प्रयास करेंगे।नवाब मलिक ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के बयान को उद्धृत करते हुए कहा कि विपक्ष की एकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि शरद पवार ने भी पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास किया था। अगले कुछ दिनों में पवार विपक्षी दलों और खास तौर पर क्षेत्रीय दलों की एकता के लिए काम करेंगे।बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं की निंदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, कि पश्चिम बंगाल 100 दिनों तक निर्वाचन आयोग के प्रभार में रहा। चुनाव प्रचार के दौरान भी हिंसा की खबरें आईं। जवाबदेही तय करने की जरूरत है। चुनाव प्रचार के दौरान और चुनाव परिणाम के बाद हिंसा की निंदा करने की जरूरत है। भाजपा को निशाना बनाते हुए मलिक ने कहा कि भगवा दल को नफरत की राजनीति बंद करनी चाहिए और ममता बनर्जी सरकार को काम करने देना चाहिए। ताली एक हाथ से नहीं बजतीः संजय राऊतपश्चिम बंगाल हिंसा पर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ताधारी दल होने के नाते हिंसा रोकनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। शिवसेना प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल में शुरू राजनीतिक हिंसा रोके जाने की मांग की है।मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी सत्ताधारी दल की है। राऊत ने कहा कि बंगाल में राजनीतिक रक्तपात का इतिहास रहा है। उन्होंने ममता बनर्जी का बचाव करते हुए कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती।संजय राउत ने कहा कि चुनाव के बाद बंगाल में हिंसा भड़कना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा कोई नई बात नहीं है। इसका एक लंबा इतिहास रहा है। हिंसा करने वाले बंगाल के हैं या बंगाल के बाहर के, इसकी जांच करनी होगी। स्वाभाविक है कि इस हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी की है। लेकिन यह भी बात सही है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। Post Views: 217