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महाराष्ट्र: अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द, उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत की घोषणा

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने यूनिवर्सिटी की अंतिम वर्ष की परीक्षा न लेते हुए छात्रों को पिछले साल की ग्रेडिंग के आधार पर डिग्री देने का फैसला किया है. उच्च शिक्षामंत्री उदय सामंत ने इसकी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अंतिम वर्ष की परीक्षा के बारे में फैसला लेने के लिए सीएम उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में डिजास्टर मैनेजमेंट की बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया है. सामंत ने कहा कि अब इस फैसले के बारे में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन को सूचित किया जाएगा.
इस फैसले के मुताबिक, बीए, बीएससी और बीकॉम जैसे गैर पेशेवर कोर्स के लिए कोई परीक्षा नहीं होगी. ऐसे में जो छात्र परीक्षा नहीं देना चाहते हैं उन्हें लिखित रूप से यूनिवर्सिटी को देना होगा. यदि वह छात्र पिछले सभी सत्र में पास है तो उसे ग्रेडिंग के आधार डिग्री दी जाएगी.

व्यवसायिक कोर्स के बारे में यूजीसी को पत्र
सावंत ने कहा कि व्यवसायिक कोर्स जैसे इंजीनियरिंग, होटल मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर समेत अन्य कोर्स की परीक्षा नहीं लेने के बारे में हम लोगों ने यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि परीक्षा रद्द होने की मान्यता मिलने के बाद भी हम लोगों ने छात्रों के सामने परीक्षा देने के विकल्प को खुला रखा है. उदय सामंत ने कहा कि जो छात्र अपने ग्रेड को बेहतर बनाने के लिए परीक्षा देने के इच्छुक हैं, उनके लिए बाद में कुलपति और स्थानीय प्रशासन की सहमति से परीक्षा आयोजित की जाएगी.

एटीकेटी के बारे में अभी फैसला नहीं
सामंत ने कहा कि एटीकेटी के छात्रों के बारे में सरकार ने अभी फैसला नहीं लिया है. इस बारे में छात्रों के बैकलॉग देखते हुए कुलपति फैसला करेंगे. सावंत ने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री ठाकरे ने जो पहले फैसला लिया था, वह सही था.

राज्यपाल कोश्यारी ने जताई थी असहमति
अंतिम वर्ष के छात्रों को बिना परीक्षा के डिग्री देने के फैसले पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पहले आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा कि इस तरह से डिग्री देने से छात्रों के कैरियर व भविष्य पर असर पड़ेगा.